आघात - केंद्र ने अप्रैल 2013 से डाकघर बचत तथा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड जैसी बचत योजनाओं में देय ब्याज में 0.10 फीसदी कर दी। हाल ही कर्मचारी भविष्य निधि फंड में 0.25 की वृद्धि की गई है जो निम्न और मध्यवर्गीय नौकरीपेशा वर्ग के लिए मामूली राहत वाली बात कही जा सकती है। भारतीय समाज के ये दो वर्ग ऐसे होते हैं...
More »SEARCH RESULT
चुनावी माहौल में हाशिये पर अर्थनीति- अश्विनी महाजन
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी से भारी शिकस्त के बाद घबराई कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन बुलाकर महंगाई रोकने की जो बात कही है, वह हास्यास्पद ही है। तथ्य यह है कि पिछले तीन-चार वर्षों से महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2010 की तुलना में कीमतें अब तक 40 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। खाने-पीने की चीजों के दाम 48 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। एक गरीब परिवार 2010...
More »दिसंबर में मुद्रास्फीति घटकर 6.16 प्रतिशत पर आयी
नयी दिल्ली : दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर पांच महीने के निचले स्तर 6.16 प्रतिशत पर आ गई. इससे रिजर्व बैंक के लिए वृद्धि दर प्रोत्साहन के लिए नीतिगत ब्याज दरें घटाने की गुंजाइश बढ़ेगी. आज जारी थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्पीति कके आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर,13 में खाद्य वस्तुओं के वर्ग की मुद्रास्फीति 13.68 प्रतिशत रही जो नवंबर में 19.93 प्रतिशत थी. दिसंबर में सब्जियों के दाम सालाना स्तर पर...
More »आलू, प्याज के दाम में तेजी से महंगाई दर 14 महीने के उच्च स्तर पर
नयी दिल्ली: आलू, प्याज और अन्य सब्जियों के महंगा होने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर 7.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी. इसके कारण रिजर्व बैंक इस सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार वृद्धि कर सकता है. इस वर्ष नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़े सितंबर 2012 के बाद सबसे उंचे हैं. सितंबर 2012 के दौरान...
More »गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन
जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...
More »