जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...
More »SEARCH RESULT
खाद्य सुरक्षा विधेयक पर कांग्रेसी सांसदों के लिए विप जारी
नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश करने समेत कुछ अहम विधायी कार्य तय किए गए हैं। कांग्रेस इन्हें जल्द से जल्द पारित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सत्तारूढ़ पार्टी ने इसी उद्देश्य से पूरे हफ्ते उपस्थित रहने के लिए अपने सदस्यों के लिए तीन लाइन का विप जारी किया है। सदस्यों से सदन में मौजूद रहने को कहा गया है और सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और...
More »गरीबी रेखा या भुखमरी की रेखा- अनिन्दो बनर्जी
देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
More »