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कितना कम जानते हैं हमारे सांसद

समाज के विभिन्न तबकों के लिए भोजन के अधिकार को लेकर काम कर रहे हम जैसे पंद्रह युवाओं का एक समूह पिछले हफ्ते कुछ सांसदों से मिला। इसकी वजह थी, संशोधित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पर उनसे चर्चा करना और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना। हमने तकरीबन सौ से अधिक सांसदों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनमें से महज 20 सांसदों से ही मुलाकात हो सकी। कई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों...

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खाद्य-सुरक्षा बिल: संसद में नाकाम रही सरकार ला सकती है अध्यादेश

नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने में नाकाम रहने के बाद मनमोहन सरकार ने बुधवार को संकेत दिए कि वह इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए अध्यादेश ला सकती है। ज्ञात रहे,खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया था, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका। इसमें 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें

संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...

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दम तोड़ने की कगार पर मनरेगा

नई दिल्ली। मनरेगा का खाका पेश करने वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य ज्यां द्रेज ने आगाह किया है कि दम तोड़ रही इस योजना को बचाने के लिए जवाबदेही के कठोर कदमों की जरूरत है। मनरेगा को लेकर सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, उसे योजना से अब और चुनावी फायदा नहीं दिखता। बेल्जियम में जन्में अर्थशास्त्री द्रेज का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब भ्रष्टाचार की शिकायतों...

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