गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़गुजरात के...
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छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
More »खाली जमीन पर फसल दिखाकर बीमा कंपनियों ने किया धोखा
मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों के फसल बीमा में प्रीमियम की राशि में बीमा कंपनियों ने किसानों को जमकर चूना लगाया है। बीमा कंपनियों ने किसानों से उस जमीन का भी प्रीमियम वसूल लिया, जिस पर खेती ही नहीं की गई है। बीमा कंपनियों ने किसानों की खाली जमीन पर भी धान की फसल खड़ी कर दी और हर एकड़ में दो हजार रुपए काट लिए। बीमा कपंनियों ने इस...
More »खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
More »छत्तीसगढ़ में सूखती फसलों को भादो में मिली संजीवनी
रायपुर। भादो मास में हो रही लगातार बारिश से छत्तीसग़ढ़ की खेती-किसानी संभलने लगी है। एक ओर सूखती फसलों के लिए ये बारिश संजीवनी का काम कर रही है, वहीं रबी की फसलों के लिए भी ये जमीन तैयार कर रही है। खेती के जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि की फसलों के लिए यह पानी फायदेमंद है। पिछले चार दिनों की बारिश से राज्य के जलाशयों में पानी भर...
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