जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
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महिलाओं का अपना बैंक दीदी बैंक
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के आनंदपुर ब्लॉक के चारबंदिया गांव में स्थित दीदी बैंक यहां की महिलाओं के लिए सहारा बन गया है. चारबंदिया में बैंक मुख्यालय है, जबकि बिना किसी कार्यालय के कोल्हान के तीन जिलों में इसकी आठ शाखाएं काम करती हैं. यह बैंक ‘नव चिराग महिला बचत एवं साख स्वावलंबी सहकारी समिति’ के तहत संचालित होता है. इस सहकारी बैंक की शुरु आत चार साल पहले हुई...
More »परमार्थ में पूंजी- सुभाष गताडे
जनसत्ता 5 नवंबर, 2012:खबर है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय कंपनी अधिनियम में संशोधन का विधेयक पेश करेगी। कहा जा रहा है कि कॉरपोरेट क्षेत्र की सामाजिक जिम्मेदारी को प्रस्तुत अधिनियम में शामिल करने को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं, बहस-मुबाहिसे की परिणति संशोधित अधिनियम की धारा-135 में दिखाई देगी। यह प्रस्तावित किया जा रहा है कि हर वह कंपनी, जिसकी खालिस कीमत पांच सौ करोड़...
More »मनरेगा से लेकर 108 एंबुलेंस योजना केंद्र की देन, आबंटित राशि भी नहीं की खर्च
जंजैहली/धर्मशाला. प्रदेश में बाप-बेटे और भाई-भतीजावाद की सरकार से जनता तंग आ गई है। 4 नवंबर को जनता भ्रष्ट सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष वीरभद्र सिंह ने सराज विधानसभा के अंतर्गत जंजैहली और कांगड़ा के जयसिंहपुर में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के...
More »जन्म देना भी यहां मौत से खेलना है ।।पुष्यमित्र।।
झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर अबूबकर सिद्दीकी से जब झारखंड की सेहत का हाल पूछा जाता है तो वे भवनों का अभाव और मैन पावर की कमी का रोना लेकर बैठ जाते हैं. निश्चित तौर पर गांवों और प्रखंड मुख्यालयों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है जो झारखंड के ग्रामीणों को सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से दूर करते हैं और एक बड़ी आबादी ओझा और...
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