नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
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ये किसके बच्चे हैं-- कैलाशचंद्र कांडपाल
शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कई धारणाएं व्याप्त हैं। एक विशेष धारणा इनके परिवारों को लेकर मौजूद है। इसके तहत यह कहा जाता है कि इनके अभिभावक शिक्षा के प्रति सजग नहीं हैं। ये बच्चे सीखना नहीं चाहते और इनको सिखाना असंभव नहीं तो बेहद चुनौतीपूर्ण है, ये स्कूल में अनियमित रहते हैं आदि। ये बातें...
More »बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर
सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...
More »राजस्थान में पेंशन योजना का सरकारी खेल !
राजस्थान में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम(एनएसएपी) के तहत दिए जा रहे पेंशन के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. ये तथ्य हाल के एक सरकारी रिपोर्ट के निष्कर्षों को लेकर आशंका जगाते हैं. नागरिक संगठन सूचना एवं रोजगार अभियान(एसआर अभियान) के मुताबिक प्रदेश में एनएसएपी के तहत पेंशन के रुप में सहायता राशि पाने वाले 2.95 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं और उन्हें...
More »राज्यों को लुभाने का पैंतरा -- यश गोयल
केंद्र और राज्यों के मध्य बेहतर तालमेल और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 1990 में अंतर्राज्यीय परिषद का गठन हुआ था। वर्ष 2006 तक इसकी दस बैठकें हो चुकी थीं। गत जुलाई 16 को परिषद की 11वीं बैठक लगभग एक दशक बाद दिल्ली में बिना किसी ठोस निर्णय के पूर्ण हुई। जिसमें कई राज्य शामिल ही नहीं हुए। उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश सरकारों के खिलाफ भाजपा और केंद्र के हस्तक्षेप पर...
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