हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...
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चुनावी माहौल में हाशिये पर अर्थनीति- अश्विनी महाजन
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी से भारी शिकस्त के बाद घबराई कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन बुलाकर महंगाई रोकने की जो बात कही है, वह हास्यास्पद ही है। तथ्य यह है कि पिछले तीन-चार वर्षों से महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2010 की तुलना में कीमतें अब तक 40 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। खाने-पीने की चीजों के दाम 48 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। एक गरीब परिवार 2010...
More »गांव लौटने की मजबूरी - देविंदर शर्मा
बीते सात वर्षों में जिन किसानों ने खेती छोड़कर वैकल्पिक रोजगार अपना लिया था, आगामी कुछ महीनों में उनमें से डेढ़ करोड़ किसानों के थक-हारकर अपने गांव लौट आने की संभावना है। सामान्य स्थितियों में इतने बड़े स्तर पर किसानों के शहरों से गांव लौटने को समावेशी विकास का संकेत माना जाता। लेकिन अर्थशास्त्री इस यू-टर्न को आर्थिक मंदी का नतीजा बता रहे हैं। क्रिसिल ने भी अपनी रिपोर्ट में इसे...
More »घरेलू कामगारों की लड़ाई- सुभाषिनी अली
देवयानी खोबरागड़े के नाम से पूरा देश परिचित हो गया है। अमेरिकी सरकार की बदतमीजी की भर्त्सना संसद से लेकर चौराहे तक हुई है। दूसरे देशों के प्रतिनिधियों का हवाई अड्डों पर अपमान करना, दूसरे मुल्कों में घुसकर वहां के ऐसे नागरिकों का अपहरण कर लेना, जिन्हें वे अपने लिए खतरनाक मानते हैं, दूसरे देशों के सामान्य नागरिकों पर ड्रोन हमले कर जान लेना, पूरी दुनिया के नेताओं और नागरिकों...
More »यौन उत्पीड़न की जमीन- विकास नारायण राय
जनसत्ता 17 दिसंबर, 2013 : यौनिक हिंसा के चर्चित प्रकरणों पर इन दिनों चल रही राजनीति के बीच हमें स्त्री उत्पीड़न की बुनियादों को नहीं भूलना चाहिए। लगता है जैसे सत्ता-केंद्रों की आपसी खींचतान कहीं असली मुद्दों को हड़प न ले! अन्यथा शीर्ष न्यायालय के जज, अति महत्त्वाकांक्षी राजनीतिक, चर्चित मीडिया संपादकऔर भक्तों-संपत्तियों के धर्मगुरु को लपेटे में लेने वाले ये शर्मनाक प्रकरण, स्त्री विरुद्ध हिंसा के व्यापक लैंगिक संदर्भों...
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