पुराने समय में ‘कागद की लेखी' और ‘आंखिन की देखी' के बीच अकसर एक झगड़ा रहता था. कागद की कोई लिखाई जिंदगी की सच्चाई से मेल ना खाये, तो फिर कबीर सरीखा कोई ‘मति का धीर' पोथी में समाये ज्ञान से इनकार भी कर देता था. यह अघट तो आधुनिक समय में घटा कि प्रत्यक्ष को मानुष पर और मानुष को आवेगों पर निर्भर मान कर शंका के काबिल मान...
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तैयार होगा 'सूचना के शहीदों' का सरकारी डाटाबेस
सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे नागरिक संगठनों की बरसों की मांग, जान पड़ता है कि पूरी होने वाली है. यह सच है कि सरकार मीडियाकर्मियों, आरटीआई कार्यकर्ता और ह्वीस्लब्लोअर पर हुए हमले के आंकड़ों का संग्रह करने जा रही है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) ने राज्यों, संघशासित प्रदेशों और नगरों को एक नया फर्मा(टेम्पलेट) जारी किया है जिसमें मीडियाकर्मियों. ह्वीस्लब्लोअर तथा आरटीआई कार्यकर्ताओं...
More »व्यापमं घोटाले का होगा व्यापक असर - संजय गुप्त
मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले और इसकी जांच के घेरे में आए कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने शिवराज सिंह सरकार की नींद पहले ही उड़ा रखी थी, लेकिन हाल में जब इस मामले की तहकीकात कर रहे एक पत्रकार और जांच से जुड़े एक मेडिकल शिक्षक की रहस्यमय हालत में मौत हुई तो उसकी प्रतिक्रिया देशभर में हुई। नतीजा यह...
More »राजनीतिक दलों की निजता और आरटीआई - हृदयनारायण दीक्षित
जनतंत्र में दलतंत्र महत्वपूर्ण उपकरण है। दलों की मान्यता और पंजीयन के विधि स्थापित नियम हैं। दलों के अपने घोषित कार्यक्रम, संविधान, संगठन पद व संकल्प हैं। दल मूलत: राजनीतिक जनसंगठन हैं। दल चुनावों में हिस्सा लेते हैं। संगठन तंत्र के माध्यम से अपने पक्ष में जनमत बनाते हैं। जनसमर्थक मनमाफिक दल को चलाने या चुनावी जीत दिलाने के लिए चंदा देते हैं। दल कार्य संचालन के लिए विभिन्न् स्तर...
More »मजहबी तालीम से आगे बढ़ें मदरसे - तुफैल अहमद
पिछले दशकों के आंकड़े गवाह हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले भारतीय मुसलमान भौतिकशास्त्री, अर्थशास्त्री, चार्टर्ड एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर और यहां तक कि राजनीतिज्ञ भी नहीं बन पाते। मदरसे मुस्लिमों को सार्वजनिक जीवन से बाहर रखने के कारक बन जाते हैं। हां, कुछ मदरसों के छात्र आधुनिक पेशे में प्रवेश पा लेते हैं, लेकिन इसमें मदरसों की भूमिका नहीं है, बल्कि यह उनका व्यक्तिगत सद्प्रयास है। इस बात के भी...
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