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अभिव्यक्ति का अधिकार

जनसत्ता,(संपादकीय)पिछले कुछ सालों में इस पर काफी चिंता जाहिर की जा चुकी है कि फेसबुक, ब्लॉग, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के मंचों पर कुछ टिप्पणियों के आधार पर जिस तरह सरकार अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है, उसका देश के लोकतांत्रिक ढांचे और बुनियादी उसूलों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। खासकर सूचना तकनीक कानून की धारा 66-ए पर कई सवाल उठाए गए और अदालतों में इसके खिलाफ...

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सूचनाधिकार के रोड़े

जब देश में सूचना के अधिकार का कानून बना तो स्वाभाविक ही इसे पारदर्शिता सुनिश्चित करने के एक बड़े कदम के रूप में देखा गया। नागरिकों के सशक्तीकरण के नाते यह लोकतंत्र संवर्धन की दिशा में भी एक बड़ी पहल थी। इस कानून के चलते अनियमितता और भ्रष्टाचार के बहुत सारे मामले उजागर हुए। लेकिन नौ साल बाद सूचनाधिकार की स्थिति कई तरह से शोचनीय दिखाई देती है। इसकी राह...

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जसोदाबेन ने आरटीआई के तहत पीएम की पत्‍नी के नाते अपनी सुरक्षा की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की

महेसाणा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन ने आज महेसाणा पुलिस के समक्ष सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत एक अर्जी दाखिल कर उन्हें वर्तमान में दी गई सुरक्षा की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की और यह जानना चाहा कि वह किन सुविधाओं की हकदार हैं. महेसाणा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जे आर मोठालिया ने कहा कि जसोदाबेन जानना चाहती हैं कि जहां तक सुरक्षा के पहलू की...

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नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी

जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...

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काले धन की मरीचिका में हम - विजय संघवी

हमारा देश एक मरीचिका का पीछा कर रहा है, जिसका नाम है विदेशों में जमा काला धन। अगर काले धन का शगूफा बार-बार छेड़ा जाता है तो उसका कारण यह है कि इससे राजनेताओं को दूसरे मामलों से देशवासियों का ध्यान भटकाने का मौका मिल जाता है, अफसरों को देश में मौजूद काली संपदा को नजरअंदाज करने की सुविधा मिल जाती है, न्यायपालिका को सरकार को फटकार लगाने का अवसर...

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