किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए केंद्र सरकार के तंत्र के अभाव में शराबबंदी लागू करना अत्यंत कठिन कार्य है. मद्य निषेध को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से उसको अमल में लाना आसान हो जाता है, क्योंकि उसका तरीका भिन्न होता है. राज्य स्तर पर इसके लिए सिर्फ राज्य की कमजोर मशीनरी के जरिये ही नहीं निपटना होता है, बल्कि वैसे पड़ोसी राज्यों की सीमाओं से भी निपटना...
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मच्छर जनित रोगों से उलझन भरी लड़ाई-- अरविन्द जैन
बरसात के बाद फैलने वाले डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों से देश को एक उलझन भरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इन दोनों ही रोगों का इलाज उतना कठिन नहीं है, जितना कि इस पूरी समस्या से निपटना। डॉक्टर लक्षण के आधार पर इनके इलाज की सलाह देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेंगू का पता लगाने का शुरुआती तरीका है एनएस-1 एंटीजन टेस्ट, जो बुखार...
More »कितने दाना मांझी-- रघु ठाकुर
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी बहुल करहल प्रखंड में कुपोषण के चलते बीते बारह सितंबर तक उन्नीस बच्चे मौत के शिकार हो चुके थे, लगभग सौ बच्चे बीमार थे, जिनमें छत्तीस बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। हो सकता है कि इसे बाकी खबरों की तरह एक सामान्य खबर मान कर लोग आगे बढ़ जाएं। लेकिन मेरे दिमाग में वह व्यवस्था घूम रही थी, जिसके जटिल तंत्र की...
More »पुड़िया को बाजार ले जाने की चुनौती-- अभिषेक कुमार
भले ही दुनिया के कई देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का आयात भारत से होता हो, लेकिन इनके खिलाफ एक बड़ा भारी मत यह है कि प्राचीन ग्रंथों के उल्लेखों और सिर्फ भरोसे के आधार पर उन दवाओं का कारोबार नहीं चल सकता जिनके बनाने की विधि में एकरूपता न हो और जिनके असर व दुष्प्रभाव को मापने का कोई जरिया न हो। इन स्थितियों के बावजूद हाल में स्विट्जरलैंड की...
More »अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...
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