मुंबई : निजी क्षेत्र द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) की सडक परियोजनाओं को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाए जाने के बीच केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार और अधिक परियोजनाएं पीपीपी व हाइब्रिड माडल पर आवंटित करना चाहती है. गडकरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, कोई निजी कंपनी पीपीपी आधारित परियोजनाओं में भागीदारी को तैयार नहीं है क्योंकि उन्होंने (पूर्ववर्ती सरकार के दौरान)...
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गर्म हवाओं के खतरे से अब तो चेत जाएं - मिहिर आर. भट्ट
दुनिया के इतिहास में यह पांचवीं सबसे जानलेवा लू है, जिसका सामना हम इन दिनों कर रहे हैं। 2200 से ज्यादा लोगों की अब तक यह जान ले चुकी है। क्या हमें और मौतों का इंतजार है, जिसके बाद ही हम लू के खतरे का सामना करने के लिए कोई राष्ट्रीय नीति बनाएंगे? ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों में गर्म हवा के थपेड़ों से जितने लोगों की मौतें हुई...
More »सावधान: दिल्ली की गर्मी मेट्रो शहरों में सबसे खतरनाक
देश के पांच मेट्रो शहरों में दिल्ली की गर्मी सबसे खतरनाक है। आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर एटमॉस्फिरिक साइंस (सीएएस) ने चार साल तक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद के मौसम का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला। 'कंफर्ट इंडेक्स' में हैदराबाद का मौसम अपेक्षाकृत ठीक बताया गया। शहर असहज खतरनाक दिल्ली 21.7 12.9 मुंबई 27 1.2 चेन्नई 31.3 7.6 कोलकाता 13.7 19.5 हैदराबाद 18.6 2.2 नोट: असहज और खतरनाक स्तर की...
More »मौसम में फेरबदल कर सूखे का सामना करने की तैयारी में महाराष्ट्र
नई दिल्ली. इस साल कम बारिश की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार पानी की कमी को पूरा करने के लिए 'क्लाउड सीडिंग' कराने पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास विभाग के सचिव केएच गोविंदराज ने कहा, 'राज्य सरकार सरकार ने क्लाउड सीडिंग कराने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए हैं ताकि जरूरत से कम बारिश होने पर हम उसके मुकाबले के लिए तैयार रहें।' गोविंदराज...
More »जीडीपी का तड़का और 20 करोड़ लोगों की भुखमरी- आशुतोष ओझा
नई दिल्ली। मोदी सरकार पर कॉरपोरेट की पैरोकार होने के आरोप लगते हैं। ये आरोप सही हैं या गलत, इस पर बहस हो सकती है। लेकिन,सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी कैबिनेट जिस तरह उपलब्धियों का बखान और मीडिया के जरिए ढिंढोरा पीट रही है, वह संस्कृति निश्चित रूप से कॉरपोरेट जैसी ही लगती है। सरकार की बीते एक साल की उपलब्धियों के शोर...
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