नई दिल्ली। यह जानकर हैरानी होगी कि शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में महंगाई ज्यादा है। खुदरा कीमतों के हिसाब से ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर 6.5 फीसदी है, जबकि शहरी इलाकों में केवल 4.5 फीसदी। देश में फिलहाल औसत महंगाई दर 5.5 फीसदी है, जो रिजर्व बैंक के 6 फीसदी लक्ष्य से कम है। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में महंगाई रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर पहुंच गई है। ग्लोबल...
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कोरवा की दर्द की हकीकत, भुखमरी में गिरवी रखा राशन कार्ड
रायपुर/जशपुरनगर. भूख से तड़प कर पहाड़ी कोरवा लम्बू राम (60) की हुई मौत के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मृतक की मां विजनी बाई ने प्रशासन के समक्ष बदहाली की दास्तां सुनाते हुए खुलासा किया� कि हमने लम्बू के पिता झामक� के इलाज के लिए 2014 में एक हजार रुपए में चढ़भईया के एक सूदखोर के पास� राशन कार्ड गिरवी रख दिया था। तब हमारे�...
More »महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण की तैयारी
भोपाल(ब्यूरो)। राज्य सरकार महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा के पास भेज दिया है। इस पर फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा। वर्तमान में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। यदि सरकार सहमत हो गई, तो कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य...
More »आंकड़े क्यों घटते दिख रहे हैं-- सुभाष गताड़े
दिलचस्प है कि इस बार अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार एक ऐसे शख्स को मिला है, जिसने भारत में गरीबी नापने के प्रचलित तरीकों पर भी सवाल उठाकर इसे सुधारने में अहम भूमिका अदा की है। प्रचलित तरीकों से लोगों द्वारा किए जा रहे उपभोग का सही अनुमान नहीं लग पाता था और वास्तविक गरीबी का चित्र नहीं उभर पाता था। अर्थव्यवस्था में राज्य हस्तक्षेप के समर्थक इस वर्ष के नोबल विजेता...
More »खोजी पत्रकारिता क्या अब भी संभव है- किंशुक पाठक
पिछली सदी के सातवें दशक में 'वाटरगेट कांड' ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन को अपनी गद्दी छोड़ने को मजबूर कर दिया, पर कांड को उजागर करने वाले पत्रकारों कार्ल बर्नस्टीन और बॉब वुडवर्ड ने अपने मुख्य स्रोत को 31 साल तक दुनिया की आंखों से ओझल ही रखा। निक्सन के हटने के तीन दशक और उनकी मृत्यु के 11 साल बाद ही स्रोत का नाम...
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