देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कामर्शियल लैंड डील ‘सिटी सेंटर’ पंजीकृत होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वेब मेगासिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने इसकी रजिस्ट्री के लिए 367.56 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क जमा कर दिया है। रजिस्ट्री विभाग के इतिहास में किसी एक डील पर सबसे ज्यादा राजस्व मिलने का रिकॉर्ड बना है। रजिस्ट्री विभाग में इसके दस्तावेज तैयार हो रहे हैं। अगले दो दिन में इसकी रजिस्ट्री...
More »SEARCH RESULT
अनुसेवक का वेतन 15 हजार, पुत्र की कमाई लाखों में
देवघर : अभिलेखागार से चोरी हुए 386 एकड़ के जमीन घोटाले के कागजात को बड़ी बारीकी से जलाया गया. कागजात को अनुसेवक ज्योतिंद्र पोद्दार की घर की छत पर चूल्हे में जलाया गया. उसके राख को घर के पीछे खेतों में फेंका गया. राख को नष्ट करने के लिए उस पर पानी डाल दिया गया. फोरेंसिक एक्सपर्ट शंभू सिंह व धर्मेद्र कुमार ने दोनों स्थानों के राख, अधजले कागजात, फाइल आदि के...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »इंदिरा आवास के पैसों को ले तीन बच्चों संग दंपति ने की खुदकुशी
औरंगाबाद/हसपुरा, जागरण टीम : इंदिरा आवास के बीस हजार रुपये बिचौलियों द्वारा बैंक से निकाल कर खा लिए जाने से क्षुब्ध जिले के हसपुरा थानान्तर्गत भतन बिगहा गांव निवासी रामबचन राजवंशी ने रविवार रात्रि अपनी पत्नी सुनीता देवी (30) एवं तीन बच्चों संग आग लगा आत्महत्या कर ली। हादसे में रामबचन की तीन पुत्रियों रानी कुमारी (8), महारानी कुमारी (5) एवं पुत्र अभिषेक कुमार (2) की जान चली गयी।...
More »बीज विधेयक किसानों की हित-रक्षा में नाकाम
बीज विधेयक 2010 संसद के मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित किए जाने के लिए तैयार है। इस विधेयक का शुरुआती मसौदा किसानों के बजाय कृषि-व्यवसायियों के फायदे में होने के कारण विवादास्पद साबित हुआ था। पहले संसदीय स्थायी समिति और फिर सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद कई किसान संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दल तथा नागरिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा में सफल नहीं...
More »