न नियमों की परवाह और न नैतिकता का बंधन। उन्नींदे कानून के साए में ही हरियाली का खून हो गया। विकास की आड़ में विनाश का यह खेल हुआ उत्तरकाशी जिले के डुण्डा ब्लाक में। सड़क निर्माण के दौरान निकला मलबा वहीं जंगल में उड़ेल दिया गया। बोल्डर (चट्टान से टूटे बड़े पत्थर) और मलबे के नीचे कुचले हुए सौ से ज्यादा हरे-भरे पेड़ों की कराह सरकारी महकमों को नहीं...
More »SEARCH RESULT
एमबीए पास इस युवा की कहानी है इंटरेस्टिंग, आप भी कहेंगे WOW!
पटना| एमबीए की शिक्षा लेने वाले ज्यादातर युवाओं का लक्ष्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में अच्छी नौकरी और मोटा वेतन पाना होता है। लेकिन एमबीए की पढ़ाई कर चुका कोई युवा यदि पेशे के तौर पर खेती को चुने तो थोड़ी हैरानी होगी। ऐसे ही युवा हैं बिहार के शेखपुरा जिले के अभिनव वशिष्ठ, जिन्होंने एमबीए की पढ़ाई के बाद औषधीय खेती को अपना पेशा बनाया है। शेखपुरा जिले के केवटी निवासी अभिनव वशिष्ठ ने...
More »एमबीए पास इस युवा की कहानी है इंटरेस्टिंग, आप भी कहेंगे WOW!
पटना| एमबीए की शिक्षा लेने वाले ज्यादातर युवाओं का लक्ष्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में अच्छी नौकरी और मोटा वेतन पाना होता है। लेकिन एमबीए की पढ़ाई कर चुका कोई युवा यदि पेशे के तौर पर खेती को चुने तो थोड़ी हैरानी होगी। ऐसे ही युवा हैं बिहार के शेखपुरा जिले के अभिनव वशिष्ठ, जिन्होंने एमबीए की पढ़ाई के बाद औषधीय खेती को अपना पेशा बनाया है। शेखपुरा जिले के केवटी निवासी अभिनव...
More »एक साल बाद का भट्टा-पारसौल... राहुल और कांग्रेस का विरोध
ग्रेटर नोएडा। भटट-पारसौल गोलीकांड के एक वर्ष पूरे होने पर सोमवार को आंदोलन में मारे गए किसानों की याद में ग्रामीणों ने शहीद दिवस मनाया। धरना स्थल पर किसानों ने हवन-यज्ञ कर उनकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की। सोमवार को भट्टा पारसौल गोलीकांड को एक साल पूरा हो गया। सात मई 2011 को ही भट्टा-पारसौल आंदोलन के दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और दो किसान राजकर...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
More »