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किसान-उपभोक्ता के बीच उलझी कृषि- डा भरत झुनझुनवाला

बताया गया था कि डब्ल्यूटीओ संधि के लागू होने पर कृषि निर्यात बढ़ेंगे और किसानों के लिए नये मौके खुलेंगे. लेकिन आयातों से किसान घरेलू बाजारों से भी वंचित हो रहे हैं. इसलिए डब्ल्यूटीओ संधि नहीं, बल्कि सरकार की कृषि नीति जिम्मेवार है. आगामी चुनाव में किसानों का वोट हासिल करने को पार्टियों में होड़ लगी हुई है. किसानों को ऋण एवं अन्य सुविधाएं देने का वायदा किया जा रहा है....

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भारत में 70 अरबपति, मुकेश अंबानी सबसे अमीर

नई दिल्ली। भारत अरबपतियों की तादाद के लिहाज से विश्व में पांचवें स्थान पर है और रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर व्यक्ति हैं जिनके पास 18 अरब डॉलर की व्यक्तिगत संपत्ति है। यह बात एक रपट में कही गई। चीन की अनुसंधन कंपनी हुरून की वैश्विक अमीरों की सूची में मुकेश अंबानी 41वें स्थान पर रहे जिसमें सबसे ऊपर बिल गेट्स हैं। गेट्स के पास 68...

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घरेलू कामगार: अर्थव्यवस्था का अंधेरा कोना- जैनेन्द्र कुमार

राजधानी दिल्ली में बीते दिनों एक सांसद और उसकी पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने घरेलू कामगार को मौत के घाट उतार दिया है. यही नहीं, कुछ पिछड़े राज्यों से देश की राजधानी में आकर घरेलू कामकाज करनेवाली महिलाओं पर अत्याचार की कहानियों से तो हम आये दिन दो-चार हो रहे हैं. क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं, देश में घरेलू कामगारों के लिए किस तरह का है माहौल, क्या...

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राजनीतिक शक्ति का प्रयोजन क्या है- रविभूषण

सोलहवें लोकसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व अब तक के जो राजनीतिक दृश्य हैं, उनमें किसी कोने से भी यह मालूम नहीं होता कि राजनीति को गंभीरता से देखा-समझा जा रहा है. बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि राजनीति से जुड़े लोग (नेता सहित) राजनीति को किन अर्थो-मूल्यों से जोड़ रहे हैं? क्यों कोई दल चुनाव में अपने प्रत्याशियों को खड़ा करता है? किसी भी अन्य राजनीतिक दल से कोई...

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इतनी बदकिस्मत क्यों हैं बेटियां- तवलीन सिंह

भारत की महिलाओं के हाल पर इस बार मैं सिर्फ इसलिए लिख रही हूं, क्योंकि अगले हफ्ते विश्व महिला दिवस है। इसलिए भी लिख रही हूं, क्योंकि मैं शर्मिंदा हूं कि एक महिला पत्रकार होने के बावजूद, मैं महिलाओं के बारे में सिर्फ उस वक्त लिखती हूं, जब किसी निर्भया के साथ इस देश के किसी गांव या शहर में मर्द हैवान की तरह पेश आते हैं। निर्भया के जाने के...

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