पटना [जागरण टीम]। सरकारी प्रयास शुरुआती दौर पर रंग तो ला चुके हैं, लेकिन मैट्रिक के बाद की पढ़ाई-लिखाई के हलके में राज्य की ज्यादातर बच्चियों के लिए अपना वजूद बनाए रख पाना आज भी बहुत मुश्किल हो रहा है। 21वीं शताब्दी के 10 साल गुजरने के बाद भी शैक्षणिक संस्थानों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की किल्लत ने उन्हें मैट्रिक की बाद की पढ़ाई के मद्देनजर तकरीबन 30 साल पीछे ही छोड़ रखा है। ...
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बढ़ती गरीबी का सबब-- देविंदर शर्मा
अर्थव्यवस्था के विकास में कुछ भयावह गड़बड़ी है. भारत आर्थिक उदारीकरण के 18 साल बाद बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है, लेकिन ऊंचे विकास के बल पर गरीबी हटाने और भुखमरी मिटाने के वायदे पूरे नहीं हो पाए हैं. वास्तव में, गरीबी और विषमता घटने के बजाय और बढ़ गई है. आर्थिक विकास जितना बढ़ रहा है उतनी ही गरीबी भी बढ़ रही है. गरीब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
More »रह गई न गरीब की बेटी 12वीं पास
हरिद्वार। मुफलिसी के जीवन में सुनहरी भोर आएगी। गरीब की बेटी बीए पास ही नहीं, बल्कि आगे की शिक्षा भी लेकर खुद के पैरों पर खड़ी हो पाएगी। यही सोचकर प्रदेश सरकार ने गौरा देवी कन्या धन योजना शुरू की थी, लेकिन यह योजना अपने मकसद से भटकती जा रही है। कई पात्र सरकार की लापरवाही से इसके लाभ से वंचित हो रहे हैं। जनपद में वर्ष-2006-07 में गौरा देवी कन्या धन योजना...
More »वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न नहीं कर पाएंगे इलाज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से 1967 के बाद वैद्य विशारद व आयुर्वेद रत्न की डिग्री लेने वाले वैद्यों की डिग्री कानूनी नहीं है और इन लोगों को मरीजों का इलाज करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले से पिछले 43 वर्षों में हिन्दी साहित्य सम्मेलन से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हजारों वैद्यों का बोरिया बिस्तर बंध जाएगा।...
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