अगर आप मानते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देश के ज्यादातर किसानों को उपज का लाभकर मूल्य दिलाने में कारगर है तो आप गलत सोच रहे हैं। अगर विश्वास ना हो तो नीचे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की नई रिपोर्ट के इन तथ्यों पर गौर कीजिए।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट) साल 2012 के जुलाई महीने से दिसंबर महीने के बीच देश के किसान प्रति क्विंटल धान में से महज 17 किलो सहकारी या...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »निजी स्कूलों में लूट की छूट देने वाली गाइडलाइन - अनिल सदगोपाल
पहले तो मध्य प्रदेश सरकार सालों तक सोती रही, लेकिन जब निजी स्कूलों की बेलगाम लूट से पीड़ित अभिभावकों के पक्ष में चंद कलेक्टर जाग गए और अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने लगे तो सरकार ने निजी स्कूलों का पक्ष लेते हुए कलेक्टरों पर ही अंकुश लगाने का हैरतअंगेज काम किया। दूसरी ओर, सरकार कलेक्टरों की सक्रियता और अभिभावकों में बढ़ते आक्रोश से इतनी घबड़ाई कि अपनी फाइलों में...
More »IT करियर छोड़ शुरू किया अपना डेयरी फार्म, आज 1 करोड़ रु. का है टर्नओवर
यह कहानी संतोष डी सिंह की है जिन्होंने आईटी करियर छोड़कर डेयरी फ़ार्म उद्योग खड़ा किया, आज उनके उद्यम का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है। कंपनी : अमृता डेयरी फार्म्स संस्थापक : संतोष डी सिंह क्या खास : आईटी सेक्टर प्रोफेशनल द्वारा कम संसाधनों के साथ शुरू किया गया उद्यम जो समय के साथ कामयाब बिजनेस की शक्ल ले चुका है। बेंगलुरु से तकनीकी शिक्षा में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री लेने के...
More »भूमंडलीकरण के दौर में मजदूर दिवस- कृष्ण प्रताप सिंह
भूमंडलीकरण व्यापने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में ऐसा नहीं है! और तो और, इस देश में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं बन पायी है, जिससे मजदूरों के संदेशों को दूसरी नहीं तो कम-से-कम उनकी अपनी जमातों तक पहुंचाया जा सके. ऐसे दुर्दिन में मजदूर दिवस पर कोई भी सार्थक बातचीत उसके सामान्य परिचय...
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