बांका [प्रकाश वत्स]। सन् 1915 में पंडित चन्द्रधर शर्मा गुलेरी रचित कालजयी कहानी 'उसने कहा था' की परिछाया इस गांव में भी दिखती है। इस कहानी के बाल नायक का सवाल था तुम्हारी कुरमाई हो गयी, इस पर नायिका का जवाब था धत तेरी कि..। नायिका की तरह ही बांका जिले के बाराहाट प्रखंड स्थित महुआडीह गांव की विवाहित लड़कियों को शादी का सही मतलब तक मालूम नहीं है। सात साल की उम्र...
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एक मादा एनोफिलिस मच्छर सब पर भारी
दुमका। दावा पर दावा.। पर एक मादा एनोफिलिस मच्छर छह फीट के खालिस जवान को मौत की नींद सुला रही है. या फिर खाट तक पहुंचा रही है। सरकारी आंकड़े में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि ब्रेन मलेरिया से होने की है लेकिन यह आंकड़ा आधा दर्जन से ऊपर पहुंच चुका है। आतंक ऐसी कि इसके गिरफ्त में आने वालों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। दरअसल स्वास्थ्य महकमा...
More »भारत में जननी मृत्यु की संख्या बहुत ज्यादा- यूनिसेफ रिपोर्ट
गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के काऱण विश्व में सालाना जितनी महिलाओं की मृत्यु होती है उसमें दो तिहाई महिलाओं सिर्फ दस राष्ट्रों की हैं।केवल भारत और नाइजर को ही एक साथ मिलाकर देखें तो यहां गर्भावस्था या प्रसवकालीन जटिलताओं के कारण मरने वाली महिलाओं की संख्या विश्व-संख्या की एक तिहाई है।।यूनिसेफ द्वार हाल ही में जारी स्टेट ऑव वर्ल्डस् चिल्ड्रेन 2009 नामक एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक...
More »खर्चो के बोझ तले कब तक चलेगा मिड डे मील
निज सहयोगी, तलवंडी चौधरिया; मिड डे मील स्कीम को चलाने के लिए स्कूल प्रबंधक सरकार द्वारा दी जा रही धनराशि के अतिरिक्त उधार रकम ले रहे हैं। इससे स्कूल कर्ज के बोझ तले दबते चले जा रहे हैं। ये बातें गुरदीप सिंह वाही व रवि वाही ने ब्लाक सुल्तानपुर लोधी के अध्यापकों की विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी द्वारा एक पत्र जारी कर...
More »स्वयं सहायता समूहों ने छीना बच्चों का निवाला
झाबुआ/भोपाल। आदिवासी अंचल झाबुआ जिले की अधिकांश स्कूलों से बच्चे भूखे लौट रहे हैं। उन्हें स्वयं सहायता समूहों की गड़बड़ियों के चलते भूखा लौटना पड़ रहा है। गांव के स्वयं सहायता समूहों पर दबंगों का कब्जा है और मध्याह्नं भोजन योजना दबंगों के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है। मध्याह्नं भोजन में विसंगति में नया तथ्य यह है कि जो शिक्षक मध्याह्नं भोजन न मिलने का या अमानक भोजन...
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