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दालों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, बोनस भी मिलेगा

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को साल 2015-16 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इसे मंजूरी दे दी है। सोयाबीन की एमएसपी में 40 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसकी एमएसपी अब 2,560 की जगह 2,600 रुपए प्रति क्‍विंटल होगा। यह बढ़ोतरी केवल पीली सोयाबीन पर लागू होगी। तुअर की एमएसपी में 75...

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पांच महीने में 40% महंगा हुआ चना, राहत की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली। बीते पांच महीनों में चने की कीमतों में 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है। लंबे समय तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाला चना अब 4,700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। साल की शुरुआत में चने की कीमत 3,300 रुपए प्रति क्विंटल थी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन घटने से चने की कीमतों में यह तेजी आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले दो...

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किसानों को केंद्र से मिली राहत की असलियत, नुकसान की भरपाई दूर की कौड़ी- हरवीर सिंह

भू-अधिग्रहण और किसानों की खुदकुशी के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को किसान हितैषी फैसलों की झड़ी लगाकर अपने राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की भरपूर कोशिश की है। इन उपायों के तहत बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। नुकसान के आकलन के लिए 50 फीसदी सीमा को घटाकर 33 फीसदी करने, प्रभावित किसानों को कर्ज अदायगी में ज्‍यादा मोहलत और...

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ऑस्‍ट्रेलिया से आएगा गेहूं, 5 साल में सबसे ज्‍यादा आयात की नौबत

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश ने इस साल भारत में गेहूं के आयात की नौबत ला दी है। हाल में भारतीय व्‍यापारियों ने ऑस्‍ट्रेलिया से 80 हजार टन गेहूं आयात के सौदे किए हैं। पिछले पांच साल में यह गेहूं का सबसे बड़ा आयात होगा। मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार से भारत के कई राज्‍यों में गेहूं की फसल तबाह हुई है, जिसे देखते हुए ट्रेडर्स गेहूं...

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सरकार बदलते ही कैसे बदल जाता है खेती की लागत और मुनाफे का गणित

कृषि क्षेत्र के लिए टर्म्स ऑफ ट्रेड यानी उसके उत्पादों की मिलने वाली कीमत और उसके द्वारा खऱीदे जाने वाली वस्तुओं और उपयोग की जाने वाली सेवाओं के लिए चुकायी जाने वाली कीमत के अनुपात के मामले में एनडीए सरकारों का दौर किसानों के लिए फायदेमंद नहीं रहा है। इसे केवल संयोग कहा जाए या नीतियों के मोर्चे पर किसानों के हितों की अनदेखी। लेकिन सचाई यह है कि पिछली...

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