शराब के कारण बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देकर हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री पर रोक लगा दी है. इसको लेकर हंगामा मच गया है, अजीब तरह के तर्क दिये जा रहे हैं कि इससे हजारों करोड़ों का नुकसान होगा, लेकिन लोगों की जान बचेगी, इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा. राज्य सरकारें राजमार्गों को सरकारी आदेश...
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शराबबंदी से स्वार्थों का संघर्ष-- प्रो. फैजान मुस्तफा
भारतीय संविधान के भाग चार में विहित ‘राज्य की नीति के निदेशक तत्व' का अनुच्छेद 47 कहता है कि ‘राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों के, औषधीय प्रयोजनों के अलावा, उपभोग का प्रतिषेध करने के लिए कदम उठायेगा.' इस संबंध में उल्लेखनीय यह है कि इस अनुच्छेद में मादक पेयों पर पूरे प्रतिबंध की बात कही गयी है, न कि केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराबबंदी लागू करने की. इसके अलावा, नशाबंदी के...
More »यदि हम अपनी नदियों को नहीं बचा पाए तो हमारा बचना संभव नहीं - राजेन्द्र सिंह
मध्य प्रदेश सघन वनों और अद्भुत जल-संरचनाओं की भूमि है। प्रकृति ने यहां प्रचुर जंगल दिए हैं तो नर्मदा जैसी विशाल और अद्भुत नदी भी दी है। यह सदियों-शताब्दियों से अपने निश्छल स्वरूप में न सिर्फ बहती आई है, बल्कि मानव सभ्यता को प्राण भी देती आई है। किंतु मनुष्य ने अपने विकास की दौड़-होड में इसे बुरी तरह विकृत करना शुरू कर दिया है। आज यह नदी उन तमाम...
More »फिजूलखर्ची से ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था-- एस. श्रीनिवासन
मध्य वर्ग अपने राज्य के बजट को आमतौर पर नजरंदाज करता है। उसके लिए यह एक सालाना कवायद है, जो उसके रोजमर्रा के जीवन से बहुत ज्यादा वास्ता नहीं रखती। राजनीतिक टिप्पणीकार और मीडिया भी इसे लेकर एक तरह से उदासीन रहते हैं। मगर राज्य के बजट महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि सियासी दलों ने चुनाव के दरम्यान जो वादा किया था, उसे वे पूरा कर रहे हैं...
More »क्या कामकाज की बाधादौड़ ही सशक्तीकरण है-- ऋतु सारस्वत
आमतौर पर हमारी यह सोच है कि विकसित देशों में महिलाओं को उनके कार्यस्थलों पर समानता का दर्जा प्राप्त है, पर यह मिथक भर है। विकसित देश हों या विकासशील, महिलाओं को लेकर कमोबेश सभी की सोच एक जैसी है। हाल ही में पोलैंड के एक सांसद ने वॉरसा यूरोपीय संसद में कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वे कमजोर होती हैं।' ब्रिटेन के बराबरी...
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