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सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना : समावेशी जुबान, मंशा अनजान!

आजादी के बाद भारत में गरीबी रेखा तय करने की दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों की सूची में पिछले कुछ वर्षो के दौरान संचालित सामाजिक, आर्थिक व जाति सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है. इसमें पहली बार किसी परिवार की सामाजिक पहचान को तरजीह दी गयी है. देश में लंबे अरसे से ऐसी मान्यता रही है कि गरीबी की मार कुछ सामाजिक श्रेणियों को ज्यादा ङोलनी पड़ती है, जिनमें से...

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मॉडल आंगनबाड़ी बनाने की योजना को झटका दे सकती है वेतन की समस्या

आधुनिक और मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए भले ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय निरंतर प्रयास में जुटा हुआ है। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याएं इस योजना को झटका दे सकती है। दरअसल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कम पारिश्रमिक और राज्य सरकारों के जरिए आंगनबाड़ी प्रशिक्षुओं को भुगतान की बकाया राशि जैसी समस्याएं केंद्र तक पहुंचने लगी है। जिससे योजनाओं के विस्तार में समस्या आने की आशंका जताई जा रही है। मेनका...

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योग का 'ब्रांड' बनाम बुनियादी चुनौतियां - मनोज जोशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं से बहुत संतुष्ट होंगे। वे न केवल देश के नेता हैं, बल्कि अब देश के शीर्ष योगकर्ता भी बन गए हैं। वैसे यह सोचना और देखना थोड़ा अजीब लगता है कि एक सार्वजनिक व्यायाम कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं देश के प्रधानमंत्री करें, लेकिन मोदी भी एक परंपरागत राजनेता कहां हैं! यकीनन, उनके द्वारा ऐसा बहुत सोच-समझकर ही किया गया होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'योग...

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छत्तीसगढ़:केंद्र से तालमेल नहीं, राज्य में अल्पसंख्यक अभी भी पिछड़े

रायपुर। अल्पसंख्यकों के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं में राज्य और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय न होने से समुदाय के लोगों जीवन स्तर अभी भी पिछड़ा हुआ है। अल्पसंख्यकों के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, प्रशिक्षण, उत्पादक ऋण के लिए हर साल करोड़ों रुपए फूंका जा रहा है, बावजूद अल्पसंख्यकों को पिछड़ेपन से छुटकारा नहीं मिल पाया है। राजधानी में मुस्लिम और ईसाई परिवारों पर किए गए अध्ययन में पता चला...

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निम्न दर्जे पर पहुंचती उच्च शिक्षा - फिरोज वरुण गांधी

उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य में स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय और उसके उत्तरार्ध के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को नोबेल विजेता और प्रधानमंत्री दिया है। मगर अब इनकी गिनती विश्व रैंकिंग में पहले 400 विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती। यहां तक कि ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। दरअसल, हमारे विश्वविद्यालय ‘उच्च शिक्षा के नगरपालिका स्कूल' में तब्दील हो गए हैं। दूसरी तरफ, अधिकतर...

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