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किसानों के सामने आत्महत्या का सबसे मुख्य कारण है कर्ज : देविंदर शर्मा

-गांव कनेक्शन, देश में रोज 28 किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि 89 दिहाड़ी मजदूर जान देने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से सामने आये आंकड़ें यही गवाही दे रहे हैं। आखिर क्यों देश को अपने हाथों की मेहनत और खून-पसीने से सींचने वाले लोग जान दे रहे हैं, गाँव कनेक्शन के गांव कैफे में इसी मुद्दे पर चर्चा हुई, इस ख़ास चर्चा में शामिल हुए...

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भारत का वित्त संकट टैक्स रेवेन्यू के 12.5 प्रतिशत गिरने से और बढ़ेगा

-द प्रिंट, इस सप्ताह के शुरू में जो आंकड़े जारी किए गए वे जीएसटी के मद में अगस्त माह में हुई आय में गिरावट दर्शाते हैं. टैक्स से होने वाली आय में कमी का अनुमान लगाया भी जा रहा था. भारत में कोविड-19 के हमले के बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं. नतीजतन, उत्पादन में कमी और इसके चलते टैक्स में गिरावट होनी...

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कोरोना के कारण गरीबी के चरम स्तर पर पहुंच सकती हैं दुनिया की 4.7 करोड़ महिलाएं: यूएन

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद बने सामाजिक और आर्थिक हालात के कारण 2021 तक लगभग 4 करोड़ 70 लाख महिलाएं गरीबी के चरम स्तर का सामना कर सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की संस्था यूएन वूमेन और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। कोविड-19 से पहले वर्ष 2019 से 2021 के बीच महिलाओं में गरीबी दर 2.7 फीसदी घटने...

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भारतीय जीडीपी में 2020-21 की पहली तिमाही में 23.9% की रिकॉर्ड गिरावट, राजकोषीय स्थिति भी बेहद खराब

द प्रिंट, कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सोमवार को जारी किए. इन आंकड़ों में जीडीपी में भारी गिरावट दिखी है. सकल घरेलू उत्पाद में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण की...

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तब्लीग़ी जमात: सरकार और मीडिया को शर्मसार करता है बॉम्बे हाई कोर्ट का फ़ैसला

-सत्यहिंदी, अपने देश में जब-जब भी न्यायपालिका को लेकर लोगों का भरोसा डिगने लगता है और वे हताश-निराश होने लगते हैं, तब-तब न्यायपालिका के किसी न किसी हिस्से से ऐसी कोई आवाज़ आ जाती है, जो आश्वस्त करती है कि अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है। इन दिनों कई मामलों को लेकर देश की न्यायपालिका की कार्यशैली पर उठ रहे संदेह और सवालों के धुएँ के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट...

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