पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
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मध्यप्रदेश से छिन सकता है सोयाबीन राज्य का दर्जा
अतुल शुक्ला, जबलपुर। देश को 60 फीसदी सोयाबीन उत्पादन देने वाले मध्यप्रदेश का सोयाबीन राज्य का दर्जा इस बार छिन सकता है। कृषि कर्मण अवार्ड मिलने के बाद भी सोयाबीन उत्पादन पिछले तीन सालों में तेजी से गिरा है। सोपा (सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के मुताबिक उत्पादन में 4.60 लाख मीट्रिक टन की गिरावट आई है। रकबा 11.40 फीसदी कम हुआ है। इस बार तो कई क्षेत्रों में शून्य उत्पादन...
More »दमाेह जिले में फसल बर्बाद होने से परेशान किसान ने किया आत्मदाह
दमोह। पथरिया के एक किसान ने फसल खराब होने से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया, जिससे किसान की मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पथरिया के वार्ड 15 के निवासी ललन यादव ने शुक्रवार सुबह अपने खेत में आग लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के अनुसार ललन पिछले कई दिनों से फसल खराब होने से परेशान था। ...
More »प्रदेश में किसान बेहाल, 42 सौ करोड़ रुपए की फसल हुई बर्बाद
भोपाल। प्रदेश में लगातार चौथे साल भी किसान मानसून की मार और कीड़े लगने सेे 17 लाख किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। इससे 4 हजार 194 करोड़ रुपए की फसल के नुकसान का आंकलन लगाया गया है। कई जिलों में सोयाबीन, मूंग और उड़द की खड़ी फसलें खेतों में बखरनी पड़ी हैं।पूरे प्रदेश में सूखा प्रभावित 14 जिले के 13 हजार 25 गांवों में 17 लाख 35 हजार हेक्टेयर...
More »दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे
महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
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