बीते कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर ने धार्मिक कट्टरता और हिंसक उग्रवाद में काफी वृद्धि देखी है। आतंकी जमातों की स्थानीय भर्ती में तेजी आई है। खासतौर से कश्मीर घाटी में नौजवान आज सैन्य अभियानों को बाधित करने और राज्य-प्रशासन को चुनौती देने के लिए पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय दिखाई देते हैं। थोड़े ही दिन हुए, जब पथराव करने वाली उन्मादी भीड़ ने मुठभेड़ स्थल से आतंकियों को भागने का...
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गोमांस के शक़ में ज़ब्त किया गया 93 प्रतिशत मीट भैंस और बैल का था: रिपोर्ट
नई दिल्ली: 2014 से 2017 के बीच पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए अधिकांश मांस बैल और भैंस के थे. इसमें बहुत थोड़ा हिस्सा गाय के मांस का था. द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक हैदराबाद स्थित ‘मांस पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र' (एनआरसीएम) ने अपनी जांच में ये खुलासा किया है. एनआरसीएम देश भर से कुल 112 सैंपल की डीएनए जांच की और पता चला...
More »तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता समूह की स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद कराने को लेकर हुए प्रदर्शन में 13 लोगों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी.
चेन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद कराने को लेकर इसी साल 22 मई को हुए प्रदर्शन में 13 लोगों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इन 13 प्रदर्शनकारियों में से 12 के सिर, छाती और पीछे से गोली मारी गई थी. रॉयटर्स की ख़बर के अनुसार, मारे गए लोगों को लेकर कई सरकारी अस्पतालों...
More »संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा, ख़राब गुणवत्ता का खाना खाने को मजबूर हैं सीआरपीएफ के जवान
नई दिल्ली: संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को रोजाना खानपान संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समिति की रिपोर्ट में इस स्थिति पर नाराजगी जताई गई है. गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बुधवार को संसद में पेश रिपोर्ट में समिति ने सरकार को जवानों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर भोजन...
More »मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल
मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...
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