जो एक स्कूल के दरवाजे खोलता है, वह एक जेल का द्वार बंद भी करता है। - विक्टर ह्यूगो कश्मीर घाटी में इसका उल्टा हो रहा है। वहां स्कूलों की इमारतें फूंकी जा रही हैं। राज्य-कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है। मंत्रियों, विधायकों और जनता की नुमाइंदगी का दम भरने वाले नेताओं के घर क्षतिग्रस्त किए जा रहे हैं। यह प्रायोजित हिंसा का दूसरा जानलेवा प्रहसन है। इससे पहले...
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गंगोत्री ग्लेशियर का बिगड़ता मिजाज- ममता सिंह
ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में ग्लेशियरों का पिघलना कोई अचरज की बात नहीं रह गई है। हर साल ग्लेशियरों का दायरा सिकुड़ने और समुद्र की सतह कुछ उठ जाने के आंकड़े आते रहते हैं। मगर उससे भी महत्त्वपूर्ण बात अब तक ग्लेशियरों के बचाव की दिशा में कोई महत्त्वपूर्ण कदम नहीं उठाया जाना है। मौजूदा हालात में सर्वाधिक चिंता का विषय यही है। अभी हाल के वाडिया इंस्टीट्यूट...
More »ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ खड़ा एक गांव-- पंकज चतुर्वेदी
एक छोटा-सा गांव, जिसकी आजीविका और अर्थव्यवस्था पर्यटन से चलती हो, उसने पर्यावरण के खतरे को महसूस किया। उसने मान लिया कि प्रकृति है, तभी उसका जीवन है, और इसके लिए जरूरी है कि जीवनशैली सुधारी जाए। यह है सिक्किम से 125 किलोमीटर दूर उत्तरी सिक्किम का गांव लाचेन। गांव ने तय किया है कि अब वहां न बोतल में बंद पानी आएगा, न प्लास्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजेबल बर्तन।...
More »बिहार में हरियाली बढ़ाने के लिये 17 करोड़ से ज्यादा वृक्ष लगाये गये-नीतीश
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्रदेश में 2017 तक हरित आच्छादन के 15 प्रतिशत के लक्ष्य के तहत अब तक 17 करोड़ से ज्यादा वृक्ष लगाये जा चुके हैं. संजय गांधी जैविक उद्यान में वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि वृक्षारोपण के लिये हरियाली मिशन के तहत 2017 तक 24 करोड पेड़ लगाने का...
More »साकार हो रहा है स्वच्छता का सपना - वेंकैया नायडू
महाराष्ट्र के वाशिम जिले में साईखेड़ा गांव की रहने वाली संगीता अहवाले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्र तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्ध कुंवर बाई ने घर में शौचालय के निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। कोलारस ब्लॉक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट...
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