सीतामढ़ी/शिवहर। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि केंद्र बिहार के गरीबों के लिए अनाज दे या नही, परन्तु अगली बार सरकार बनी तो बिहार के लिए अलग से पैकेज बना कर हर गरीब परिवार को अनाज या अनाज के लिए पैसा दिया जायेगा। सीएम श्री कुमार ने कहा कि बिहार की आबादी 9 करोड़ है जिसमें 6 करोड़ गरीब है। 1.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे है। लेकिन केंद्र की...
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खेल की आड़ में अश्लीलता का कारोबार- विनय तिवारी/संतोष कुमार सिंह
नयी दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर दिल्ली इन दिनों सेक्स मंडी बनता जा रहा है. अक्टूबर में आयोजित होनेवाले खेलों में भारी मात्रा में विदेशियों के आने की संभावना है. और उन लोगों को सेक्स परोसने की कवायद अभी से शुरू हो गयी है. इस काम के लिए अभी से एडवांस बुकिंग भी हो रही है. बाकायदा रेट कार्ड तैयार कर लिया गया है. इसके लिए एक वेबसाइट भी बनायी...
More »युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं
लखनऊ। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद का कहना है कि युवाओं की तरक्की के बिना देश की तरक्की की बात नहीं सोची जा सकती। यह बात यूपीए सरकार महसूस करती है और इसलिए उसकी प्रतिबद्धता युवाओं की तरक्की के मार्ग प्रशस्त करने की है। सभी मंत्रालय युवाओं से जुड़ी योजनाएं बना रहे हैं। बकौल जितिन, युवाओं को रोजगार चाहिए, बेरोजगारी भत्ता नहीं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने 'राजीव गांधी ग्रामीण वितरक योजना' के जरिये...
More »खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे
नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...
More »बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ
कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
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