पिछले साल नौ सितम्बर को ’ब्लैक रोज़’ नामक मंगोलियाई पानी का एक बड़ा जहाज ओड़िशा के पारादीप बन्दरगाह के निकट डूब गया । जहाज में हजार २३८४७ टन लौह अयस्क लदा था । जिनका माल लदा था उन्होंने यह कबूल कर लिया कि एक अन्य जहाज ’टोरोस पर्ल’ के दस्तावेजों को जमाकर उन्होंने पारादीप बन्दरगाह में शरण पाई थी । जहाज का मालिक ब्लैक रोज़ नाम से दो जहाज चलाता...
More »SEARCH RESULT
सूचना नहीं देने पर सीआईसी ने पीएमओ को थमाया नोटिस
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग [सीआईसी] ने सूचना अधिकार से जुड़े एक सवाल का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह सवाल करीब डेढ़ साल पहले पूछा गया था लेकिन उसका अब तक जवाब नहीं मिला है। आवेदनकर्ता वीरेंद्र सिंह सिरोही की शिकायत पर आयोग ने गत 26 फरवरी को पीएमओ को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था। मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने कहा...
More »ग्राम अदालतों का गठन जल्द करें राज्य
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी को त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से जल्दी से जल्दी ग्राम अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्राम न्यायालय अधिनियम पारित कर चुकी है। अगर राज्य सरकारें इसे अमल में लाएं तो पूरे देश में पंचायत स्तर पर 5000 से ज्यादा अदालतें पूरी तस्वीर बदल सकेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालतों में ढाई करोड़ मुकदमे...
More »भुखमरी को ले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
कटक। बलांगीर जिलांतर्गत खपराखोल ब्लाक के चाबिरीपाली निवासी झींटू बरिहा और उनके परिवार के चार सदस्यों की भुखमरी के चलते मौत होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। झींटू की भुखमरी से मौत को जिला प्रशासन ने नकार दिया है। सीबीआई एवं मानवाधिकार आयोग को इस घटना की जांच करने का निर्देश देने के लिए करुणाकर भोई नामक एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की...
More »जजों की कमी से लंबित हो रहे मुकदमे
लखनऊ। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि अदालतों में लंबित मुकदमों की फेहरिस्त जजों की कमी की वजह से बढ़ती जा रही है। अदालतों में अवस्थापना सुविधाओं की कमी शिद्दत से महसूस की जा रही है। न्यायालयों में पर्याप्त संख्या में कोर्ट नहीं हैं। दु:खद तो यह है कि कई राज्य सरकारें अदालतों के विकास में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। यदि अदालतों में स्वीकृत संख्या के अनुरूप जजों की तैनाती...
More »