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मनु का क़ानून और हिंदू राष्ट्र के नागरिकों के लिए उसके मायने

-द वायर, हाल ही में चेन्नई में भाजपा ने अपनी नई नेता खुशबू के नेतृत्व में तमिलनाडु के सांसद थिरुमावलवन द्वारा मनुस्मृति के बारे में की गई टिप्पणियों के विरोध में प्रदर्शन किया गया था. यह शायद भाजपा द्वारा मनुस्मृति के समर्थन में पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था. ऐसा लगता है कि संघ परिवार अब खुलकर इस पुरातन ग्रंथ के पक्ष मे हमलावर रुख अपनाकर सामने आना वाला है. दरअसल, 5 अगस्त 2019...

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भारतीय सेंटीमेंट्स और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाता ओडीओपी

-आउटलुक, भारत ने विकासक्रम में अपनी संस्कृति और अध्यात्म की वृहत परम्परा का विकास तो किया ही साथ ज्ञान, विज्ञान, कला तथा उद्यम की ऐसी शैलियों का निर्माण किया जो भारत की विशिष्ट पहचान बनीं। इन शैलियों का उद्भव देशज था लेकिन पहुंच राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय। इसी निर्मित हुयी अर्थव्यवस्था ने भारत में नगरीय क्रांतियों को संपन्न किया और गांवों को भी रिपब्लिक की हैसियत तक पहुंचाया। शायद यही वजह है...

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इंटरव्यू- भारत में व्यावसायिक राजनीति है: मीरा नायर

-आउटलुक, सलाम बॉम्बे (1988) और मॉनसून वेडिंग (2001) जैसी सदाबहार फिल्मों के लिए पहचानी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्मकार मीरा नायर ने बीबीसी वन टेलीविजन की मिनी सीरीज के साथ वापसी की है। 1993 में विक्रम सेठ के बेस्ट सेलर उपन्यास ए सूटेबल बॉय पर इसी नाम से उन्होंने यह मिनी सीरीज बनाई है, जो अब नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है। न्यूयॉर्क में रहने वाली फिल्मकार ने गिरिधर झा...

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मुद्दों को मुंह चिढ़ाते नतीजे

-आउटलुक, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर हमें आश्चर्य होना चाहिए। इसलिए नहीं कि एग्जिट पोल के नतीजे देखकर हमने कुछ और उम्मीदें पाल ली थीं, इसलिए नहीं कि मीडिया में आने वाली ग्राउंड रिपोर्ट सत्तारूढ़ गठबंधन की विदाई का संकेत दे रही थीं, इसलिए नहीं कि नतीजे हमारी आशा के अनुरूप नहीं थे। हमें राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की एक और विजय पर आश्चर्य इसलिए होना चाहिए चूंकि यह नतीजा इतिहास के इस...

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भारत और भारतीयों की ज़िंदगी में क्या चल रहा, ये बिहार के चुनाव नहीं बताते

-द प्रिंट, पिछली बार दिप्रिंट हिन्दी के अपने इस स्तंभ में मैंने लिखा था कि बिहार विधानसभा के चुनाव को लेकर मेरे मन में क्यों उत्साह की कोई लहर नहीं उठ रही. मेरे लिखे पर पहली प्रतिक्रिया दिप्रिंट की ओपिनियन एडिटर रमा लक्ष्मी की आई. उन्होंने मुझे चिट्ठी में लिखा: एक सेफेलॉजिस्ट के रूप में आपके लिए ये सब लिखना बहुत तकलीफदेह रहा होगा. ये बहुत कुछ वैसा ही है जैसे...

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