जनसत्ता 01 मार्च, 2014 : आम चुनाव सिर पर हों तो इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जाएगा। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट में जन-कल्याणकारी योजनाओं में 31,812 करोड़ रुपए की कटौती कर यूपीए सरकार के विरोधियों को हमला करने के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद मुहैया करा दिया है। कटौती चालू वित्तवर्ष में की गई है जिसका असर ग्रामीण सड़क, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मिड-डे...
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क्योंकि हर चमक चांदनी नहीं होती- भरत झुनझुनवाला
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था चल निकलेगी। इस उम्मीद के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिका की सुधरती स्थिति है। पिछले कुछ महीनों में वहां बेरोजगारी घटी है, शेयर बाजार चढ़ा है और विकास दर बेहतर हुई है। ये संकेत वास्तविक हैं, लेकिन इनके टिकाऊ होने में मुझे संदेह है। विषय को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए, एक कंपनी घाटे...
More »अर्थव्यवस्था के मर्ज की दवा- लार्ड मेघनाद देसाई
वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष पहली चुनौती महंगाई है. इससे निबटना नयी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. पिछले तीन-चार वर्षो से महंगाई की दर बहुत अधिक रही है. महंगाई की समस्या बहुआयामी है. यह अन्य समस्याओं को भी जन्म दे रही है. इससे देश में बहुत बड़ा संकट आया है. अगर सरकार इन चुनौतियों से मुकाबला करने में सक्षम रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीदों से...
More »खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
More »और ज्यादा गेहूं निर्यात कर सकती है सरकार
सरप्लस का संकट गोदामों में ज्यादा स्टॉक होने से निर्यात आवश्यक ज्यादा सप्लाई होने से विदेश में गेहूं 9 फीसदी सस्ता लेकिन बेस प्राइस घटने से निर्यात के लिए अच्छा रिस्पांस इससे विश्व बाजार में गेहूं के मूल्य पर और दबाव बनेगा 1000 लाख टन से ज्यादा रह सकता है गेहूं का उत्पादन सरकार गोदामों में अत्यधिक भंडार को ध्यान में रखते हुए और ज्यादा गेहूं निर्यात...
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