कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
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गांधी के सिवा कोई रास्ता नहीं है -- सच्चिदानंद सिंहा से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत
सच्चिदानंद सिंहा भारत के उन चुनिंदा विचारकों में हैं, जो अपने समय से लगातार मुठभेड़ करते रहते हैं. 81 साल की उम्र में भी लगातार सक्रिय सच्चिदानंद सिंहा मानते हैं कि भारत में आने वाले दिनों में अगर किसी नये समाज का निर्माण करना है तो समाजवादी विचारकों को गांधी की कुछ बातों को स्वीकारना ही होगा. उनसे कुछ सामयिक मुद्दों पर की गई बातचीत यहां प्रकाशित की जा रही...
More »एनएसी को रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश में किसी को भूखा न सोने देने की महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना को अमली जामा पहनाने में अभी थोड़ा वक्त और लगेगा। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] संबंधित विधेयक का मसौदा बनाने में लगी है, लेकिन उसे अंतिम रूप सी. रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही दिया जा सकेगा। एनएसी में खाद्य सुरक्षा विधेयक तैयार रहा कार्यसमूह 9, 10, 11 दिसंबर को...
More »अगले साल से 3 रुपये की दर से 35 किलो अनाज
नई दिल्ली। संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की बुधवार हुई बैठक में वर्ष 2011 से सर्वाधिक गरीब जिलों में प्रत्येक परिवार को तीन रुपये प्रति किलो की दर से हर महीने 35 किलोग्राम गेंहू, चावल देने की सिफारिश की गई। साथ ही प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक का नया मसौदा तैयार करने पर भी आमराय बनी। बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने...
More »छाप छोड़ने की भारी जद्दोजहद
नई दिल्ली. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की दूसरी बैठक में महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा एवं सांप्रदायिक हिंसा कानून ही छाए रहे। यूपीए सरकार के पिछले कार्यकाल में नरेगा व सूचना के अधिकार कानून की तर्ज पर सोनिया गांधी की अगुआई वाली सलाहकार परिषद इस बार खाद्य सुरक्षा व सांप्रदायिक हिंसा कानूनों पर अपनी छाप छोड़ने के खातिर इन्हें निर्णायक रूप देने के लिए...
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