मानो देश में बहस व विवादों की कमी थी कि ‘तीन तलाक' की अमानवीय प्रथा को लेकर लोग मैदान में उतर अाये हैं! अॉल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड तथा अन्य मुसलिम संगठन व मुल्ला-मौलवी हर तरफ चीख-चिल्ला रहे हैं कि ‘तीन तलाक' शरिया कानून का हिस्सा है अौर हम इससे किसी को खेलने की इजाजत नहीं दे सकते! सब ऐसे बात कर रहे हैं, मानो देश में न कोई...
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मौन जुलूसों के नीचे धधकती आग-- प्रमोद मीणा
किसी के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना लगाना क्या होता है, इसकी जीवंत बानगी मराठा आंदोलन है। लाखों की संख्या में मराठा महाराष्ट्र की सड़कों पर मौन जलूस निकाल रहे हैं। इसका तात्कालिक कारण बताया जा रहा है अहमदनगर जिले में एक चौदह वर्षीय मराठा लड़की का बलात्कार और हत्या। इस मामले में अभी तक पकड़े गए तीनों आरोपी दलित हैं। कू्ररता की शिकार इस बालिका को न्याय दिलाने...
More »नई व्यवस्था से कितनी बदलेगी रेल? - अरविंद कुमार सिंह
रेलवे की रफ्तार और तेज करने व कायाकल्प के इरादे से रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल कर रेल बजट का आम बजट में विलय कराने में सफलता हासिल कर ली है। 1924 से लगातार जो रेल बजट आम बजट से अलग पेश होता रहा है, वह अब इतिहास का अंग बन गया है। किंतु इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। अब...
More »पुलिस बल की अबलाएं-- अंजलि सिन्हा
पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों...
More »बेड़ियों से बेटियों की छलांग-- नासिरुद्दीन
हमारे समाज ने एक ‘अच्छी लड़की' के गुण तय कर रखे हैं. क्या हिंदू क्या मुसलमान, ‘अच्छी लड़की' के पैमाने के मामले में सभी धर्मों और जातियों में बिना किसी भेदभाव के एका है. लड़की का मामला है, इसलिए उसके अच्छे या बुरे होने का पैमाना कोई और ही तय करता है. कुछ धर्म/जाति के नाम पर तय होता है, कुछ घर-परिवार तय करते हैं, तो कुछ पंचायत और समाज...
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