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लोकपाल या समानांतर सुप्रीम कोर्ट

राइट टू इनफॉरमेशन एक्ट के अंतर्गत दी हुई सूचना के अनुसार, तीन करोड़ मुकदमे भारत के न्यायालयों में विचाराधीन हैं. इनमें 30 लाख मुकदमे 21 हाइकोर्ट में और 39780 मुकदमे सुप्रीम कोर्ट में हैं. ऐसी परिस्थिति में भ्रष्टाचार स्वाभाविक है. भ्रष्टाचार की जड़ें अनिर्णित न्यायिक व्यवस्था में निहित हैं. किसी भी भ्रष्टाचारी को वर्तमान न्यायालयों की कार्यप्रणाली में सजा दिलाना असंभव सा है. इसी से भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है. न्यायालयों पर...

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यूपी में किसान आंदोलन को फिर आग

लखनऊ [अवनीश त्यागी]। भट्टा पारसौल कांड से सुलगे भूमि अधिग्रहण विवाद की आग सियासी झोंकों से फिर भड़काने की तैयारी है। विपक्षी दल बसपा सरकार की नई अधिग्रहण नीति का जवाब देने की तैयारी कर चुके हैं। भाजपा व कांग्रेस जमीनी जंग के मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं तो सपा राष्ट्रीय अधिवेशन में इसके खिलाफ रणनीति बनाएगी। बीते हफ्ते लखनऊ में मुख्यमंत्री मायावती ने पहली बार किसान...

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एनपीआर को यूआईडी के साथ जोड़ने वाला मप्र पहला राज्य

भोपाल। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर [एनपीआर] के कार्य को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की आधार और राज्य की फूड कूपन योजना के बायोमेट्रिक पंजीकरण के साथ जोड़कर साझा कार्य किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस तरह का निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इससे पूर्व मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान सहित कई योजनाओं को आधार [यूआईडी] योजना के साथ जोड़ा गया है।...

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छत्तीसगढ़: बुजुर्गो का मुफ्त इलाज कराएगी सरकार

रायपुर.पीडीएस सिस्टम, मुफ्त नमक और पांच रुपए किलो में चना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बाद राज्य सरकार बुजुर्गो का नि:शुल्क इलाज कराने जा रही है। ‘मुख्यमंत्री सियान योजना’ के तहत 60 साल से अधिक उम्र के महिला और पुरुषों को इसका लाभ मिलेगा। खास बात यह भी है कि इस योजना का लाभ हर वर्ग के लोग ले सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाका तैयार करने और बजटीय प्रावधान होते ही इसे लागू कर...

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मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर

‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...

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