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वित्तमंत्री की नींद क्यों उड़ी है- आनंद प्रधान

जनसत्ता 15 फरवरी, 2012 : वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की नींद उड़ गई है। उनका कहना है कि जब भी वे सब्सिडी के बढ़ते बोझ के बारे में सोचते हैं, उनकी रातों की नींद उड़ जाती है। असल में, वित्तमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में विभिन्न मदों (खासकर खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) में कुल 1.43 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमान लगाया था, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, इसमें लगभग एक लाख...

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स्टोरकीपर के यहां मिली 10 करोड़ की संपत्ति

जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने जबलपुर विकास प्राधिकरण के स्टोरकीपर मुकेश दुबे के आवास पर छापा मारकर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की संपत्ति उजागर की है।      इसमें घड़ी चौक के पास स्थित तीन मंजिला आलीशान मकान, दो बहुमंजिला हॉस्टल, तीन प्लॉट, 20 बैंक खाते, डेढ़ लाख का सोना, 40 लाख के वाहन, 12 लाख का लक्जरी सामान, पांच लाख के इंटीरियर आदि का पता चला है।     इसके अलावा एक लॉकर का भी पता लगा है,...

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देश में इस साल होगा 25 करोड़ टन का रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन : मनमोहन

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि इस साल देश में खाद्यान्न उत्पादन 25 करोड़ टन की रिकार्ड उच्च्चाई पर पहुंच सकता है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा वर्षा आधारित खेती पर आज यहां आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि उपज बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं और इस साल खाद्यान्न उत्पादन का रिकार्ड...

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करोड़ों की सिंचाई मशीनरी फांक रही धूल

खेतों में हरियाली लाने व लोगों की रोजी-रोटी में बढ़ोतरी के उद्देश्य से स्थापित की गई डिडवीं टिक्कर सिंचाई योजना करीब दस साल से ठप पड़ी है। उठाऊ पेयजल योजना की करोड़ों रुपये की मशीनरी भी खुले में धूल फांक रही है। हमीरपुर मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित डिडवीं टिक्कर उठाऊ सिंचाई योजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2001 में किया था। कुछ साल चलने...

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सदिच्छा का सत्यानाश- इर्शादुल हक

सैकड़ों करोड़ रु की जिस रकम से बिहार के स्कूलों की तस्वीर बदल सकती थी उसका ज्यादातर हिस्सा भ्रष्टाचारियों की जेब में चला गया. इर्शादुल हक की पड़ताल सत्ता के शीर्ष से चले अच्छे इरादों का जमीन तक पहुंचते-पहुंचते किस तरह बंटाधार हो जाता है, इसका उदाहरण है यह घोटाला. इससे यह भी साफ होता है कि योजनाएं कितनी भी अच्छी बन जाएं, जब तक उन्हें अमली जामा पहनाने वाले तंत्र...

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