रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों को रबी फसलों के लिए अब तक 101 करोड़ रुपये से ज्यादा ऋण उपलब्ध कराया गया। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहा यह जानकारी दी। राज्य सरकार की नीति के अनुसार किसानों को मात्र तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर खेती के लिए अल्पकालिक ऋण दिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की एक हजार 333 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से...
More »SEARCH RESULT
सरकार राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन शुरू करेगी : महंत
रायपुर। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री चरण दास महंत ने कहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन शुरू करेगी। राजधानी रायपुर में रविवार को खाद्य प्रसंस्करण प्रदर्शनी 'फूड टेक' के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत ने कहा कि कृषि के बाद खाद्य प्रसंस्करण एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके द्वारा सर्वाधिक श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकता है। इसी दृष्टि से केंद्र सरकार ने खाद्य...
More »पूंजी के प्रतीकों पर प्रश्नचिह्न् : केविन रैफर्टी
जरूरत है.. जरूरत है.. जरूरत है.. 60 करोड़ नए जॉब्स की जरूरत है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) की जनवरी 2012 की रिपोर्ट की यह हैडलाइन पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी की तरह है। रिपोर्ट कहती है कि अगले एक दशक में 60 करोड़ नए उत्पादक जॉब सृजित करने की आसन्न चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को अब कमर कस लेनी चाहिए। प्रेस और बीबीसी ने इस...
More »खेत में उगाई ‘नोटों की फसल’
बिलासपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बैगा परिवारों को विस्थापित करने के खेल में वन विभाग ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। लोरमी के कठमुडा में 74 बैगा परिवारों को विस्थापित कर बसाया गया है। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि में से प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए मिलने थे, जिसमें उन्हें घर, खेत, अन्य सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि दी जानी...
More »असमानता की खाई पाटने का अवसर : हर्ष मंदर
खाद्य सुरक्षा विधेयक में भारत के लाखों गरीबों और वंचितों की नियति बदलकर रख देने की क्षमता है। दो साल चली बहस के बाद केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी। खबरों से पता चला है कि प्रस्तावित कानून के संबंध में स्वयं कैबिनेट मंत्रियों की धारणाएं अलग-अलग थीं। इस पर हुई बहस में भारत में व्याप्त असमानता की संस्कृति की झलक भी मिली। यह भी पता चला कि इस कारण...
More »