-आउटलुक, “बेहतर होगा कि किसानों के मामले में भी लेवल प्लेइंड फील्ड सिद्धांत अपनाया जाए और कीमत नियंत्रण के लिए उनके हितों की बलि न दी जाए” भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कटौती के साथ ही कई दूसरे अहम फैसले भी किए। इस मौके पर रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था, विकास दर और...
More »SEARCH RESULT
घरेलू उड़ानों की शुरुआत: ज्यादा किराया और उड़ान रद्द होने से परेशान मुसाफिर
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना संक्रमण को कम करने के मकसद से लगाए गए लॉकडाउन के पूरे दो महीने बाद सोमवार 25 मई से देश में घरेलू उड़ानों की इजाजत मिली जिसके बाद एयरपोर्ट पर चहल-पहल नज़र आई. मुसाफिर अपने घरों को लौटने के लिए बेताब दिखे. दोपहर के 12 बज रहे हैं. इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के सामने फ्लाइट का इंतजार करने वालों की लम्बी भीड़ है. इन चेहरों पर इंतजार से...
More »गिर रही थी मोदी 2.0 की साख, कोविड-19 के कारण मिली राहत की सांस
-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल मौन धूम धड़ाके के साथ पूरा हो रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने इसकी मिश्रित कामयाबियों के दंभ को सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार ने जो अक्षमता, संवेदनहीनता और तानाशाही दिखाई है, और सरकारी उपेक्षा और अव्यवस्था के बीच लाखों की तादाद में अपने घर लौटते प्रवासी मजदूरों ने जो दर्दनाक पीड़ा झेली...
More »पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...
More »लखनऊ: काम की तलाश में मजदूर, लॉकडाउन में ही गांव के पास के कस्बों-शहरों की ओर लौटना शुरू
-गांव कनेक्शन, लॉकडाउन के दो महीने बीत चुके हैं। एक ओर जहाँ अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फँसे हैं और किसी भी तरह अपने गाँव, अपने घर लौटना चाहते हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन में अपने गांवों तक पहुँचने में कामयाब हुए मजदूर फिर काम की तलाश में अपने आसपास के कस्बों-शहर लौटने को मजबूर हो रहे हैं। लॉकडाउन के बाद भारत आजादी के बाद सबसे बड़ा...
More »