जींद.समाज के लिए कलंक बनी कन्या भ्रूण हत्या बुराई की रोकथाम के लिए खाप पंचायतें अपना पूर्ण योगदान देंगी। इस बुराई के खात्मे के लिए सिर्फ हरियाणा ही नहीं उत्तर भारत की खापों को जोड़ा जाएगा, ताकि बेटियों को भी इस धरती पर पैदा होने दिया जाए। बेटी बचाने के अभियान में जुटी बीबीपुर की पंचायत व महिलाएं के समर्थन में खाप पंचायतें आएंगी। इसको लेकर जिला खाप पंचायतों की राय भी...
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नक्सली नहीं आम आदिवासी मारे गए: ग्रामीण
छत्तीसगढ़ में पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ों में 19 लोगों के मारे जाने के मामले पर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि 28 जून की रात को छत्तीसगढ़ में हुए कथित मुठभेड़ों में मारे गए ज्यादातर लोग आम आदिवासी थे माओवादी नहीं, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह और सीआरपीएफ ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है. इससे जुड़ी...
More »सावधान! नहीं तो मारे जाओगे
नई दिल्ली। रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ते उतार-चढ़ाव, व्यस्तता, घरेलू झगड़े, अवैध संबंधों के दौरान गर्भधारण, करियर की उधेड़बुन, किस्तों का बोझ, रिश्तों में दरार.. ऐसे कुछ स्पष्ट कारण भारतीय जनजीवन में उभर कर सामने आए हैं, जो मानसिक तनाव को इस कदर बढ़ा रहे हैं कि लोग बेमौत मारे जा रहे हैं। जी हां, यह कहना है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक अहम रिपोर्ट का। तमाम तरह के तनावों...
More »समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्
समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्याओं के 2011 के आंकड़ों की मानें, तो हर चार मिनट में एक व्यक्ति यहां अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेता है और आत्महत्या करने वाले पांच लोगों में से एक गृहिणी होती है। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2011 में इससे पिछले साल के मुकाबले 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2010 में...
More »हर दस मिनट में एक मां की मौत
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में 2010 में मां बनने के दौरान 56,000 महिलाओं की मौत हुई, जिसका मतलब है कि हर घंटे में छह और हर दस मिनट में ऐसी एक मौत हुई. इस वक्त भारत में प्रति एक लाख जन्मों पर मातृत्व मृत्यु दर 212 है जबकि भारत को सहस्राब्दि विकास लक्ष्य के तहत इस आंकड़े को घटाकर 109 तक लाना...
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