-इंडिया टूडे, अमेरिकी शेयर बाजार में बीते दो दिनों में फेसबुक के शेयर में 10 डॉलर प्रति शेयर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. गुरुवार को कंपनी का शेयर 277.12 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. शेयरों में इस गिरावट की वजह अमेरिका की सरकार और 48 राज्यों की ओर से फेसबुक पर दायर किए गए मुकदमे हैं. आरोप है कि फेसबुक ने एकाधिकार बनाने और छोटे प्रतिस्पर्धियों को ‘कुचलने’...
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अर्थातः सबसे बड़ी सेल, संपत्ति बेचकर राजस्व जुटाने के अलावा सरकार के पास कोई रास्ता नहीं बचा है
-इंडिया टूडे, गरज भारत सरकार की! मौका मोटी जेब वालों के लिए! माल चुनिंदा और शानदार! मंदी के मौके पर भारी डिस्काउंट. एक एयरलाइंस, आधा दर्जन एयरपोर्ट, तेल व गैस पाइपलाइन, बंदरगाहों पर टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, ट्रेनें, हाइवे और रेलवे कॉरिडोर के हिस्से, बिजली ट्रांसमिशन लाइनें... बहुत कुछ बिकने वाला है. अफसरों की समितियां, नीति आयोग की मदद से बेचने के तौर तरीके तय करने में लगी हैं. मुहिम नतीजे तक पहुंची...
More »चुनावी गंगा: बिहार में 74 फीसदी सीवेज प्रदूषण झेल रही राष्ट्रीय नदी बनेगी 37वें मुख्यमंत्री की गवाह
-न्यूजलॉन्ड्री, बिहार में चुनावी चाल तेज रफ्तार पकड़ चुकी है लेकिन मैदान में मंद गति के प्रवाह वाली गंगा चुप और उदास हैं. 10 नवंबर, 2020 को जब बिहार में चुनाव के नतीजे आएंगे तो मल-कीचड़, ठोस कचरा और उद्योगों से प्रदूषित राष्ट्रीय नदी का दर्जा रखने वाली गंगा सूबे के 37वें मुख्यमंत्री की साक्षी भी बन जाएंगी. यह भी संभव है कि जीतने-हारने वाले प्रत्याशी को शायद चुल्लू भर गंगाजल...
More »हाथरस: अन्याय के ख़िलाफ़ हर मोर्चे पर लड़ रहे ये लोग कौन हैं?
-सत्यहिंदी, “जो हाथरस जा रहे हैं, उनके चेहरे देखिए। ये वही हैं जो नागरिकता के नए कानून (सीएए) का विरोध कर रहे थे।” यह सावधान करने के अंदाज में बताया जा रहा है। मानो पेशेवर अपराधियों से सावधान किया जा रहा हो। कहा गया कि इन सबके पोस्टर हमने चौराहों पर लगवाए थे। ये वही हैं जो हाथरस में उस दलित लड़की के परिवार के साथ हमदर्दी जताने पहुँच रहे हैं।...
More »बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस लिब्रहान को जो दिखा वो सीबीआई कोर्ट न देख पाई?
-बीबीसी, छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों के अचानक हमले का नतीजा था या सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. वेदों में कहा गया है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग-अलग कोण से अलग दिखता है और देखने वाले की नज़र से...
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