SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 104

जनता ने जिन्हें संसद से सड़क तक पहुंचाया- संदीप जोशी

संसदीय बहुमत पाकर भाजपा सरकार बना चुकी है। लेकिन अपन को हारने वालों के लिए हरिनाम सूझ रहा है। जनता ने प्रगतिवादी, विकासवादी बहुमत दिया है और अपन हार की नकारात्मकता देखे जा रहे हैं? क्योंकि सामाजिक अवरोधों को समझ कर ही अविरल विकास किया जा सकता है। इसलिए हारने में ही जीवन का सीखावन है। बेशक जीते को जग भला हो, शांति तो हरिनाम में ही है। इसलिए हारने वाले...

More »

सोशल मीडिया में बढ़त जीत की गारंटी नहीं है- विपुल मुद्गल

किसी भी व्यक्ति के विचार को गढ़ने में, विचारों के संचरण में मीडिया का रोल काफी अहम है. विचारों के प्रसार में सोशल मीडिया का भी अपना महत्व है, जिसका प्रयोग कर विभिन्न राजनीतिक दल अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके जरिये न सिर्फ वाद-विवाद को जन्म दिया जाता है, बल्कि अपनी नीतियों, अपने कार्यो, अपने नेताओं के बारे में जानकारी भी जनता तक पहुंचायी जाती है. भाजपा ने...

More »

सरोकार, संस्कृति व पर्यावरण की पहरेदार हैं खूंटी की अमिता- राहुल सिंह टूटी

खूंटी के सेफागड़ा गांव की रहने वाली अमिता टूटी से आप 5-10 मिनट किसी भी विषय पर बात कर लें, तो उनकी गहरी संवेदनशीलता का आपको अहसास हो जायेगा. अपने आसपास व आदिवासी समुदाय के लोगों की परेशानियों और उजड़ते जंगल व पर्यावरण के संकट ने उन्हें जंगल बचाने वाली आंदोलनकारी बना दिया. पिछले आठ-नौ  सालों से वे जंगल बचाओ आंदोलन से जुड़ कर वन रक्षा व उसके विस्तार के लिए...

More »

'हमारे सामने अवसर बड़ा, झोली छोटी'- योगेन्द्र यादव

डॉ योगेंद्र यादव जाने-माने चुनावी विश्लेषक रहे हैं. देश के कई जनांदोलनों में उन्होंने सक्रिय भागीदारी की है. आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख चेहरे के रूप में वह देश के जनांदोलनों को एक मंच पर लाकर अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्वरूप देने की कोशिश में जुटे हैं. पेश है ‘आप’ की राष्ट्रीय राजनीति, रणनीति  और लोकसभा चुनाव में उसके लिए संभावनाओं पर डॉ योगेंद्र यादव से प्रभात खबर के...

More »

कमजोर लोकपाल, जांच एजेंसियां तक नहीं सुनती

झारखंड में नौ साल पहले ही लोकायुक्त का गठन हो चुका है. इसके बावजूद भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त लोगों में कोई भय नहीं है. कमजोर लोकपाल होने के कारण झारखंड में यह असरहीन हो गया है. लोकपाल इतना कमजोर है कि जांच एजेंसियां भी लोकायुक्त की बात को नहीं सुनती. इसलिए झारखंड को एक मजबूत लोकपाल चाहिए. रांची: झारखंड में लोकायुक्त के पास भ्रष्टाचार के 815 मामले लंबित हैं. हर साल लगभग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close