हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...
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कर्जमाफी नहीं है समाधान -- देविंदर शर्मा
इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
More »उत्पादन बढ़ा तो पीडीएस के दायरे में आ सकती हैं दालें
नई दिल्ली। गरीबों को महंगाई की मार से राहत दिलाने तथा कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार दालों को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में ला सकती है। इस संबंध में सरकार का निर्णय देश में दालों का उत्पादन और उपलब्धता बढ़ने पर निर्भर करेगा। दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार कर रही मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्माण्यम की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में भी...
More »दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे
महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
More »रिकॉर्ड अनाज पैदावार से टूटा किसानों का सपना - आर एस राणा
देश में 26.32 करोड़ टन खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार के अनुमान से जहां केंद्र सरकार की बांछें खिली हुई हैं, वहीं खाद्यान्न का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है। पैदावार ज्यादा होने के अनुमान से कई जिंसों की बिकवाली किसानों को मजबूरन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 12-20 फीसदी नीचे दामों पर करनी पड़...
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