-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...
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लॉकडाउन : मिलों में प्रोसेसिंग बंद होने से दालों के साथ पशुचारे के दाम बढ़े
-आउटलुक, देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन के कारण दाल मिलों में प्रोसेसिंग भी नाममात्र की ही हो रही है, जिस कारण दालों की कीमतों में कीमतों में तेजी आई ही है, साथ पशुचारा छिल्का, खांडा और चोकर के दाम भी 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार इलाहाबाद में सोमवार को उड़द दाल के खुदरा दाम 120 रुपये, मूंग दाल के 100 रुपये,...
More »आधा भारत आया मार्च की बारिश के चपेट में, 57 फीसदी अधिक हुई बारिश, आगे भी बना है खतरा
-गांव कनेक्शन, जिस फसल को देखकर किसान के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, उसी फसल को हाथ में लेकर 70 साल के बुजुर्ग किसान अच्छे लाल फफक रहे थे। कई हजार रुपए की लागत और कड़ाके की सर्दी में छुट्टा पशुओं से बचाकर लगभग तैयार हो गई उनकी तीन एकड़ चने की फसल 14 मार्च को भारी बारिश और हवा से बर्बाद हो गई थी। "पूरी फसल बर्बाद हो गई, इससे अब...
More »बैगा आदिवासियों की बेंवर खेती - बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बैगा आदिवासी बेंवर विधि से खेती करते हैं। इसी विधि से ही छत्तीसगढ़ में बैगा व पहाड़ी कोरवा आदिवासी खेती करते हैं। पिछले कुछ समय से इसमें कमी आई है, पर अभी भी यह काफी प्रचलित है। बेंवर विधि से खेती बिना जुताई की जाती है, जिसके लिए पहले ग्रीष्म ऋतु में पेड़ों की छोटी-छोटी टहनियों, पत्ते, घास और छोटी झाड़ियों को एकत्र कर उनमें आग...
More »छत्तीसगढ़ की परंपरागत उतेरा खेती -बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के कोटा विकासखंड का गांव सेमरिया। इस गांव के किसान फेंकूराम गंधर्व और संतोषी बाई ने उतेरा खेती विधि से फसल उगाई है। अभी उनके खेत में बटरी की फसल लहलहा रही है। फेंकूराम और संतोषी की तरह ही दानोखार, फुलवारीपारा, करहीकछार, सेमरिया के किसान भी फसल उगाने के लिए उतेरा खेती विधि का प्रयोग करते हैं. उतेरा खेती विधि में एक फसल कटने से पहले दूसरी फसल को बोया...
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