इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...
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प्रदूषण का प्रवाह
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर एक बार फिर नकेल कसने की कोशिश की है। हरिद्वार से कानपुर के बीच स्थित उन तमाम उद्योगों को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिनका प्रदूषित पानी और रासायनिक कचरा सीधे गंगा में आकर मिलता है। एनजीटी ने औद्योगिक इकाइयों से पूछा है कि उन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं। क्यों न प्रदूषण नियंत्रण...
More »जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी
पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...
More »औद्योगिक इकाइयों और टेनरियों को एनजीटी की चेतावनी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों व टेनरियों को उचित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह इन्हें बंद करने का आदेश जारी करेगा। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से पूछा कि कानपुर की टेनरियों और अन्य...
More »अस्तित्व बचाने को जूझ रहीं "सभ्यता की जननी"
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जिनके आंगन में हजारों वर्षों से मानव सभ्यता फली-फूली, वे ही अपना अस्तित्व" बचाने को संघर्ष कर रहीं हैं। "सभ्यता की जननी" नदियों की हकीकत आज कुछ ऐसी ही है। जो हाल गंगा-यमुना का है वैसी पीड़ा में देश की 275 नदियां हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जीवनदायिनी नदियों की हालत सुधरने के बजाय बदतर हो रही है। इनको निर्मल और अविरल बनाने की राह...
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