नेरचौक। मिड-डे-मिल योजना में जहां अधिकतर स्कूल कम बजट का रोना रोते रहते हैं। वहीं, शिक्षकों के कुशल प्रबंधन से मात्र दो रुपए 29 पैसे प्रति छात्र के बजट में नेरचौक के डडोह स्कूल में बच्चों को काजू-बादाम भी खिलाए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें किशमिश, गरी, पनीरयुक्त सब्जियां भी दी जा रही हैं। बल्ह ब्लाक के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूल डडोह में शिक्षकों ने मिसाल पेश की है। सितंबर 2004...
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छग में अब होगी काजू-नारियल की खेती
रायपुर.छत्तीसगढ़ में अब यहीं के बीजों से काजू और नारियल की खेती होगी। इसका व्यापारिक उपयोग भी हो सकेगा। अब तक बाहर के बीजों से इसकी खेती होती थी जिससे पैदावार सही ढंग से नहीं होती थी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने काजू और नारियल समेत 11 फलदार, सुगंधित पौधे और धान की दो नई किस्में ईजाद की हैं। राज्य सरकार ने व्यावसायिक स्तर पर इनके बीज निर्माण की मंजूरी दे...
More »धान समेत फसलों की 11 नई किस्में विकसित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने राज्य के मुख्य फसल धान समेत अन्य 11 प्रकार की फसलों की नई किस्में विकसित की हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इन नए किस्मों से राज्य में विभिन्न फसलों के पैदावार में बढ़ोतरी होगी। राज्य में कृषि विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस वर्ष धान सहित दलहनी और तिलहनी फसलों,...
More »शोध और विकास
खास बात • तेलहन, मक्का,पाम ऑयल और दालों से संबद्ध तकनीकी मिशन को चलते हुए दो दशक गुजर चुके हैं।दाल, पाम ऑयल और मक्का को साल १९९०-९१,१९९२ और १९९५-९६ में इस सिशन के अंतर्गत लाया गया।मिशन के अंतर्गत १९८६ से तेलहन का उत्पादन विशेष रुप से शुरु हुआ और उसमें बढ़ोत्तरी हुई है फिर भी देश में खाद्य तेल की जितनी मांग है उसकी तुलना में देश में तेलहन का उत्पादन कम हो रहा है।.* • दालों का उत्पादन दशकों से ठहराव का शिकार है।इससे संकेत मिलते हैं कि दालों के उत्पादन वृद्धि का...
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