-बीबीसी, कुछ महीनों पहले की बात है. ईरान में अभूतपूर्व सूखे और बारिश की कमी की वजह से नदियाँ सूख गईं. पूरे देश में पानी की कमी को लेकर भीषण विरोध प्रदर्शन हुए. साल 2019 में भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक चेन्नई का पानी संकट अख़बारों की सुर्खियां बना. उस वक़्त बहस छिड़ी कि बढ़े उद्योग, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का असर किस तरह का कहर बरपा सकता है. साल 2018 में भीषण सूखे की वजह...
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पेगासस में निर्वासित तिब्बती सरकार के अधिकारियों का नाम आने से भारत के प्रति बढ़ा संदेह
-कारवां, जुलाई में 17 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने अपनी एक संयुक्त पड़ताल, जिसे उन्होंने पेगासस प्रोजेक्ट कहा है, में खुलासा किया कि इजराइली कंपनी एनएसओ द्वारा विकसित पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर के 50000 फोन नंबरों की जासूसी करने के लिए किया गया है. भारत में ऐसे लोगों की सूची में पत्रकार, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, नेता और एक पूर्व चुनाव आयुक्त शामिल हैं. लेकिन हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में एक और...
More »मंडी, मार्केट और मोदी
-कारवां, अगर हम नरेन्द्र मोदी सरकार और नवउदारवादी टिप्पणीकारों पर यकीन करें तो सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने वाले एक लाख से अधिक किसान, जिनमें से अधिकांश ने अपने खेतों पर काम करके, फसल पैदा कर और स्थानीय मंडियों में उसे बेचकर जिंदगी गुजारी है, खेती किसानी के बारे में कुछ नहीं जानते और उन्हें शरारती तत्वों द्वारा गुमराह किया जा रहा है. वे यह नहीं महसूस कर रहे हैं...
More »दूसरी लहर ग्रामीण जीवन पर कहर बरपा रही है, क्या यह ग्रामीण आजीविका को भी प्रभावित करेगी?
इस साल मार्च के बाद से हर रोज कोविड-19 के नए मामलों और मौतों में वृद्धि होने के बाद मीडिया ने रिपोर्ट (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) किया कि प्रवासी कामगार अपने प्रवास स्थलों से मूल स्थानों (यानी मूल स्थानों) पर वापस लौट रहे हैं. शहरों और बड़े औद्योगिक कस्बों में जहां समाज के हाशिए के वर्गों से अनौपचारिक और कम कुशल श्रमिक मौसमी रूप से प्रवास करते हैं,...
More »वाराणसी में कोरोना मौतों को लेकर राज्य सरकार और नगर निगम के आंकड़ों में अंतर
-द वायर, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश प्रशासन पर आरोप लगे हैं कि वे कोरोना वायरस महामारी से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रहे हैं. शवदाह गृहों, श्मशान घाटों, कब्रिस्तानों पर अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए लगीं लंबी लाइनें दर्शाती हैं कि सरकारी दावों की तुलना में समस्या और भयावह है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के शवदाह गृहों...
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