इण्डियास्पेंड, 20 दिसम्बर तमिलनाडु के जिला तंजावुर की पंचायत ओझुगासेरी में रहने वाले दिनेश पांडीदुरई और उनके जैसे कई अन्य किसानों ने गर्मी ने लगने वाली धान की किस्म सांबा ना लगाने का फैसला किया है। लंबे समय तक ज्यादा गर्मी और उसके बाद मानसून सीजन में अच्छी बारिश ना होने की वजह से इस क्षेत्र का भूजल सूख गया है। पानी की दिक्कत उन खेतों में भी है जो कोल्लीडैम नदी...
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छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान, बीटी कपास को भी भारी नुकसान!
11 दिसम्बर, गाँव सवेरा राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »पंजाब: कपास की फसल का कम दाम मिलने के कारण खेती छोड़ने पर मजबूर हुए किसान!
गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर कपास की फसल का कम दाम मिलने का कारण कपास किसान राज्य में अगले साल फसल की खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. कपास की फसल का रकबा तेजी से घट रहा है और किसानों का कहना है कि कपास की खेती अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. बाजार में किसानों को कपास की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मिल रही है....
More »खेती पर आपदाओं की गाज से किसानों पर सालाना पड़ रही है 10.2 लाख करोड़ रुपए की मार
डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर खेती-किसानी आसान नहीं और ऐसे में जब साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है तो इसे करना महंगा सौदा बनता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) से ज्यादा की मार पड़ रही है। जो वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र...
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