मोंगाबे हिंदी, 19 अप्रैल, बिहार के गया जिले में परैया मरांची गांव के चितरंजन कुमार 18-20 टन शहद का उत्पादन करते हैं। ठीक ऐसे ही, इस ही गाँव के निरंजन प्रसाद भी साल में करीब 20 क्विंटल शहद का उत्पादन करते हैं। लेकिन, इतने उत्पादन के बावजूद भी उन्हें शहद उत्पादन में बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता है। चितरंजन और निरंजन दोनों ही इसके लिए प्रदेश में शहद के प्रोसेसिंग प्लांट...
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भारत की जलवायु, प्रदूषण और गरीबी की चुनौतियों से निपटता बायोमास ब्रिकेट्स
द थर्ड पोल, 05 अप्रैल सुरजीत कौर एक 38 वर्षीय किसान हैं जिनका परिवार पंजाब के पटियाला जिले में पीढ़ियों से खेती कर रहा है। हर साल कौर और उनका परिवार मिलकर अपनी तीन एकड़ ज़मीन से लगभग 90 क्विंटल धान की फसल काटते हैं। हालांकि, धान की फसल से होने वाली नियमित कमाई के साथ-साथ गेहूं बोने के लिए भूसे और कृषि अपशिष्टों का शीघ्रता से निपटारा करने की ज़रूरत होती...
More »भारत की जलवायु, प्रदूषण और गरीबी की चुनौतियों से निपटता बायोमास ब्रिकेट्स
द थर्ड पोल, 02 अप्रैल सुरजीत कौर एक 38 वर्षीय किसान हैं जिनका परिवार पंजाब के पटियाला जिले में पीढ़ियों से खेती कर रहा है। हर साल कौर और उनका परिवार मिलकर अपनी तीन एकड़ ज़मीन से लगभग 90 क्विंटल धान की फसल काटते हैं। हालांकि, धान की फसल से होने वाली नियमित कमाई के साथ-साथ गेहूं बोने के लिए भूसे और कृषि अपशिष्टों का शीघ्रता से निपटारा करने की ज़रूरत होती...
More »हर साल भीषण गर्मी की वजह से आमदनी का पांच प्रतिशत नुकसान झेल रहा है गरीब किसान: एफएओ
डाउन टू अर्थ, 07 मार्च भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में कमी आती है। ऐसा गरीब किसान के साथ ज्यादा होता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दिनों में गैर गरीब किसान के मुकाबले गरीब किसान परिवारों की आमदनी में 2.4 प्रतिशत का नुकसान होता है, जो उनकी फसलों से होने...
More »क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?
वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...
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