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नए संकट ज्यादा गंभीर हैं -- हिमांशु

पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...

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ऊंची विकास दर के शहसवार - सुषमा रामचंद्रन

यकीनन यह बेहद खुशी की बात है कि भारत आज दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाला देश बन गया है। हाल ही में जारी किए गए नवीनतम अधिकृत डाटा के अनुसार वित्त-वर्ष 2015-16 में भारत की विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। यह चीन की 6.7 प्रतिशत विकास दर से बहुत आगे है। इतना ही नहीं, वित्त-वर्ष की पिछली तिमाही में तो 7.9 प्रतिशत से भी अधिक की विकास दर...

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नेताओं के परिजन को तत्काल लोन, बेरोजगारों को दो साल में भी नहीं

राजीव शर्मा, भोपाल । मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत नेताओं के परिजन और रिश्तेदारों को बैंक तत्काल लोन (एक से दो सप्ताह) दे रहे हैं, लेकिन गरीब बेरोजगारों को दो-दो साल भटकने के बाद भी नहीं। ज्यादातर गरीब बेरोजगार के लोन की फाइल अव्वल तो जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी आगे बढ़ाते ही नहीं हैं, जिनकी भेज भी देते हैं तो बैंक अफसर गारंटी लाने की बात कहकर प्रकरण...

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बैंकरप्सी बिल : द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लोकसभा में पारित

किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है.  इसका मतलब यह है कि...

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बड़ा सवाल बीमार बैंकों का है- प्रमोद जोशी

विडंबना है कि जब देश के 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में रंगीले उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की, तब तक माल्या देश छोड़ चुके थे. अब सवाल बैंकों से किया जाना चाहिए कि उन्होंने क्या सोच कर माल्या को कर्जा दिया था? हाल में देश के 29 बैंकों से जुड़े कुछ तथ्य सामने आये, तो हैरत हुई कि यह...

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