-न्यूजक्लिक, कश्मीर घाटी में 24 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सेब अपना बाजार खोने के कगार पर हैं। सेब व्यापारियों का दावा है कि सस्ते ईरानी सेबों ने आ कर भारतीय बाजारों में धूम मचा दी है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले कश्मीरी सेब की मांग और कीमतों में भारी गिरावट आई है। कश्मीर के प्रमुख सेब व्यापारियों के अनुसार, उत्पादकों और व्यापारियों के पास बिक्री की बाट जोह रहे सेब के...
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समावेशी कृषि हो 2022 के लिए विकास का रोडमैप
-रूरल वॉइस, अब देश के नीति निर्माताओं को अभी की जरूरत, वर्तमान संकट का उपाय जैसे शब्दों को नकार कर देश की समस्याओं के लिए स्थायी समाधान तलाशने होंगे। भ्रष्टाचार, निरक्षरता, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, गरीबी, जलवायु परिवर्तन, घटता भूजल स्तर, वायु प्रदूषण, ठोस अवशेष, महिला सशक्तीकरण, बेरोजगारी, कृषि संकट, बाढ़, सुखाड़, लंबित न्याय, सकल घरेलू उत्पाद आदि मुद्दे आज देश के सामने हैं जिनको प्राथमिकता के आधार पर हल...
More »यूरिया की कीमत 900 डॉलर पर पहुंची, वैश्विक बाजार में लगातार बढ़ रहीं हैं उर्वरकों की कीमतें
-हरवीर सिंह, साल भर के भीतर वैश्विक बाजार में जिस तरह से उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है वह सरकार और घरेलू उर्वरक उद्योग दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। जिस तरह की कीमत वृद्धि डाई अमोनियम फॉसफेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) में हुई है उसी तरह की कीमत वृद्धि यूरिया की कीमतों में देखने को मिल रही है। देश में आयातित यूरिया...
More »रबी सीजन के संकट के बाद डीएपी की घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाने और दीर्घकालिक आयात सौदों की रणनीति
-रूरल वॉइस, चालू रबी सीजन में डाइ अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों की उपलब्धता के संकट से सबक लेते हुए सरकार ने डीएपी की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए देश में इसकी उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और आयात सौदों की दीर्घकालिक रणनीति तैयार की है। वैश्विक बाजार में डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरकों व उनके कच्चे माल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बीच चीन ने निर्यात पर प्रतिबंध लगातार...
More »रबी सीजन में डीएपी और कॉम्प्लेक्स उर्वरक कमी हुई तो जाने किसानों के पास क्या है विकल्प
-रूरल वॉइस, अंतरराष्ट्रीय बाजार में रासायनिक उर्वरको की कीमतो में तेजी का दौर चल रहा है क्योकि चीन ने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया और डीएपी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है । इसके अलावा, बेलारूस पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध की वजह से निर्यात करने में असमर्थ है जिसके कारण ,ग्लोबल मार्केट में डीएपी के लिए जरुरी कच्चे माल जैसे फास्फोरिक एसिड और अमोनिया के...
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