कानपुर देहात में इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन की भयानक दुर्घटना ने पूरे देश को शोकाकुल कर दिया। यह देश के सबसे बड़े रेल हादसों में एक है। जब भारतीय रेल गति और प्रगति के नारे के साथ बुलेट ट्रेन की तैयारी कर रही हो और रेल बजट को आम बजट में समाहित कर लंबी छलांग की परिकल्पना की जा रही हो, ऐसे दौर में हुआ यह हादसा साबित करता है कि...
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कैसे रुकेंगे ऐसे हादसे--- अमरनाथ सिंह
वाराणसी में बाबा जय गुरुदेव के अनुयायियों के एक कार्यक्रम में अचानक हुई भगदड़ ने एक बार फिर यह साबित किया है कि आज भी अपने देश में कारगर भीड़ प्रबंधन की कमी है। बात केवल वाराणसी की इस घटना की नहीं है। हर साल भीड़ के बेकाबू होने से हादसे होते हैं। हालांकि भगदड़ की घटनाएं केवल भारत में नहीं, विदेशों में भी होती हैं। लेकिन जहां विदेशों में...
More »15 दिन में स्कूल पहुंचता है शिक्षक, सफाई कर्मी पढ़ाता है बच्चों को
देवभोग। मेरा जब मन हो, तब मैं आऊंगा और जब जाने का मन हो तब जाऊंगा। यह एक शिक्षक के शब्द है, जो उस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पालक और गांव के लोगों को कहता है। शिक्षक की मनमानी से त्रस्त ग्रामीण जब उसे स्कूल समझाने पहुंचते है, तो शिक्षक ग्रामीणों की बात सुनना तो दूर उल्टा उन्हें ही जवाब दे देता है। कई बार समझाने के बाद...
More »फसल किसकी और फायदा किसे? - देविंदर शर्मा
मुझे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बहुत उम्मीदें थीं। गए साल बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में फसलें तबाह हो गई थीं। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में किसान उत्सुकतावश नई फसल बीमा योजना की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। हालांकि नई योजना को सरकार की ओर से गेमचेंजर बताया गया, लेकिन मैं जब इसकी...
More »हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव
भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...
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