कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
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नर्मदा से आगे जाती एक लड़ाई...
सरकारी दुराग्रहों के बावजूद भारत में सबसे लंबे समय से चल रहे 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' ने 25 साल पूरे कर लिए हैं. प्रियंका दुबे इस आंदोलन के उतार-चढ़ाव भरे सफर को साझा करते हुए बता रही हैं आज यह आंदोलन किस भूमिका में है. विंध्यांचल और सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसे अपेक्षाकृत शांत निमाड़ अंचल में उस दिन शाम गहराने के साथ-साथ हलचल बढ़ती जा रही थी. पश्चिमी मध्य प्रदेश...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »पहली सालगिरह पर ‘क्रैश’ हुई उम्मीदें
इस त्रासद संयोग के बाद घमंड चूर हो जाना चाहिए। एयर इंडिया का प्लेन क्रैश ठीक उस दिन हुआ जब यूपीए2 पहले साल की उपलब्धियों की विशाल फेहरिस्त जारी करने वाला था। सरकार की अंदरूनी हालत बताती है कि इस तरह का हादसा होना ही था। पिछले पांच महीनों में सरकार की प्रतिष्ठा जितनी धूल-धूसरित हुई है उतनी पहले पांच सालों में नहीं हुई। ए राजा अगर आज भ्रष्टाचार का दूसरा नाम है, तो विमानन...
More »सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय
दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
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