आंकड़े भले ही दिल्ली के हों, पर कमोबेश यह तस्वीर सारी दुनिया की देखने को मिलेगी। राजधानी दिल्ली में 2017 की आपराधिक गतिविधियों की बाबत दिल्ली पुलिस द्वारा इसी माह जारी आंकड़ों में कहा गया है कि बलात्कार के सत्तानवे फीसद मामलों में महिलाएं अपनों की ही शिकार होती हैं। अपनों से मतलब साफ है कि या तो रिश्तेदार या जान-पहचान वाले या फिर दोस्त। इसका मतलब यही निकल के...
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दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दिलाने वाला विधेयक मप्र विधानसभा में पास
भोपाल। विधानसभा ने सोमवार को दंड विधि (मप्र संशोधन) विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी। इस पर सदन में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिनमें मानवता हो, मानव अधिकार उनके लिए होते हैं। ऐसे पिशाच, नरपिशाच, राक्षसों के लिए मानव अधिकार नहीं होते। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध मानवता के लिए कलंक के समान होते हैं। उन्होंने विपक्ष के साथियों से विधेयक पारित करने में...
More »महिला सुरक्षा की चुनौतियां-- शैलेन्द्र चौहान
देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इस गैंगरेप के चार दोषियों को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी। दोषियों की अपील...
More »न बीतनेवाला दिसंबर-- सुजाता
दिसंबर बीतते हुए पिछले कई वर्षों का लेखा-जोखा आप से आप करने लगता है. ब्रेक्जिट, अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव, सीरिया का गृहयुद्ध, नोटबंदी, राष्ट्रगान, राष्ट्रभक्ति, इन सबका हिसाब लगाने के बाद भी एक दिसंबर बचा रहता है, जो कई वर्षों से नहीं बीता. न वह नया होता है न पुराना. वह बस टंग गया है दीवार पर. उसकी तारीखें बदलती हैं, लेकिन उसकी तासीर नहीं बदलती. यह हमेशा उतना ठंडा...
More »समय के साथ बदले कानून-- कृष्णप्रताप सिंह
आपको याद होगा, 2012 में राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में घटित निर्भया कांड के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने बलात्कारियों को सजा दिलाने वाले कानून को सख्त बनाया था। लेकिन दुर्भाग्य से इस कानून के लागू होने के बावजूद न बलात्कार घटे हैं, न पीड़िताओं की नियति बदली है। आंकड़े बता रहे हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में हर रोज छह की औसत से बलात्कार हो...
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